
नई दिल्ली:उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण सुनवाई हो रही है। इस आग ने अब तक राज्य के विभिन्न जंगलों को अपनी चपेट में ले लिया है, जिससे विभिन्न प्रजातियों और वनस्पतियों को भारी नुकसान पहुंचा है। इस आग के कारण अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ के समक्ष हो रही है। याचिका में उल्लेख किया गया है कि उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में लगभग 44 प्रतिशत जंगल जल रहे हैं और इसमें 90 प्रतिशत आग मानव गतिविधि के कारण है।
वन विभाग ने दावा किया है कि पिछले 24 घंटों में जंगल में आग की घटनाओं में 63 प्रतिशत की कमी आई है। इस आग को बढ़ाने के मामले में पुलिस ने 390 केस दर्ज किए हैं और इस साल 60 से अधिक लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
इस आग पर काबू पाने के लिए भारतीय वायुसेना की मदद ली जा रही है, और कुछ क्षेत्रों में बारिश के कारण राहत मिली है, लेकिन अभी भी इस पर काबू पाना एक चुनौती है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनता से वनों को बचाने के लिए अपना पूरा सहयोग देने की अपील की है।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से उम्मीद है कि जंगल की आग को रोकने और पर्यावरण को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएंगे।