
Dehradun: उत्तराखंड के पौड़ी और गढ़वाल जिले के जंगलों में कई दिनों से आग लगी हुई है। आग उत्तराखंड प्रशासन के लिए चुनौती बनी हुई है। इस आग को बुझाने के लिए उत्तराखंड सरकार कृत्रिम बारिश करवाने का प्लान बना रही है। उत्तराखंड की मुख्यसचिव राधा रतूड़ी ने बताया कि कृत्रिम बारिश के लिए आईआईटी कानपुर की मदद ली जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत क्लाउड सीडिंग की जाएगी और जंगलों में लगी आग को बुझाने का प्रयास किया जाएगा। मुख्य सचिव ने बताया कि इस मामले में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहमत हो गए हैं।
क्या होती है क्लाउड सीडिंग
क्लाउड सीडिंग एक ऐसा तकनीक है जिसके माध्यम से बादलों से कृत्रिम रूप से बारिश करवाई जाती है। इस तकनीक में सिल्वर आयोडाइड नाम के एक रसायन का इस्तेमाल किया जाता है। इसका इस्तेमाल करके बादलों को बरसने की संभावना को बढ़ाया जाता है। अब उत्तराखंड सरकार इस तकनीक का इस्तेमाल पौड़ी और गढ़वाल के जंगलों में लगी आग को बुझाने के लिए करने जा रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सहमति भी ले ली गई है। उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी का कहना है कि ऐसा करने के लिए एक पायलट प्रोजेक्ट चलाया जाएगा। इस पायलट प्रोजेक्ट में आईआईटी कानपुर की मदद लेगा। तीन साल पहले भी उत्तराखंड के जंगलों में भीषण आग लगने का मामला सामने आया था।
इस दौरान उत्तराखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को क्लाउड सीडिंग का तकनीक का इस्तेमाल करके कृत्रिम बारिश करवाने का निर्देश दिया था। सेंटर फॉर इकोलॉजी डेवलपमेंट एंड रिसर्च (CEDAR) के कार्यकारी निदेशक विशाल सिंह का कहना है कि पहाड़ों की ढलानों पर पानी तेजी से बहता है, ऐसे में क्लाउड सीडिंग से कृत्रिम बारिश करवाने के लिए सावधानी बरतनी पड़ेगी क्योंकि इसका नुकसान भी हो सकता है। बीते कई दिनों से उत्तराखंड के जंगलों में लगी आर विकराल होती जा रही है। इस आग की वजह से अब तक कुल 5 लोगों की मौत हो चुकी है। अब सरकार क्लाउड सीडिंग तकनीक का सहारा लेकर इस आग को बुझाने का प्लान बना रही है।