
नई दिल्ली: भक्तजन मंदिर में अपने भगवान का आशीर्वाद मांगने जाते हैं उनका प्रसाद लेकर घर आते हैं। लेकिन कभी आपको प्रसाद के रूप में सोना-चांदी के गहने और नोट मिलते देखे हैं। जी हां यह सत्य है। मध्यप्रदेश के रतलाम शहर के माणक में मां महालक्ष्मी का प्राचीन मंदिर है, जहां प्रसाद में भक्तों को गहने दिए जाते हैं। वैसे तो यहां साल भर भक्त मां लक्ष्मी के दर्शन करने हेतु आते हैं, लेकिन दीपावली के अवसर पर यहां धनतेरस से पांच दिन तक दीपोत्सव का आयोजन होता है। इस दौरान यहां मंदिर को गहनों और रुपयों से सजाया जाता है। पांच दिन के इस उत्सव में यहां कुबेर का दरबार भी लगाया जाता है। साल भर भक्तजन यहां आकर करोड़ों रुपये के जेवर और नकदी चढ़ाते हैं। इन्हीं गहनों और रुपयों से मां के मंदिर को सजाया जाता है और यही गहने फिर प्रसाद स्वरूप भक्तों को दिए जाते हैं।