
नई दिल्ली: लोकसभा में विपक्ष के नेता और उत्तर प्रदेश के रायबरेली से सांसद राहुल गांधी शनिवार (06 जुलाई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गढ़ गुजरात का दौरा करेंगे। हाल ही में संसद सत्र के दौरान राहुल गांधी ने सदन में पीएम मोदी को चुनौती देते हुए कहा था कि इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस बीजेपी को हराएगी।
गुजरात दौरे का महत्व
राहुल गांधी का यह दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि संसद में हिंदू धर्म पर बयान देने के बाद गुजरात प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था। इस दौरे के दौरान राहुल गांधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलकर आगे की रणनीति तय कर सकते हैं।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने गुरुवार (04 जुलाई) को कहा कि उन्होंने राहुल गांधी से बात की और उन्हें अहमदाबाद आने के लिए कहा ताकि वे स्थानीय नेताओं से मिल सकें और उनका समर्थन कर सकें, जिन्होंने “हमले के दौरान बीजेपी के गुंडों से बहादुरी से मुकाबला किया।” हालांकि गोहिल ने तारीख की पुष्टि नहीं की, लेकिन पार्टी नेताओं ने कहा कि गांधी शनिवार को अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा की पूर्व संध्या पर आ सकते हैं।
कांग्रेस कार्यालय में तोड़फोड़ के बाद का घटनाक्रम
2 जुलाई को संसद में राहुल गांधी की टिप्पणी के बाद कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई थी। बीजेपी और आरएसएस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, “जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे केवल हिंसा की बात करते हैं।” बीजेपी ने राहुल गांधी पर “हिंदुओं को हिंसक” कहने का आरोप लगाया। भाषण के एक दिन बाद, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के एक समूह ने अहमदाबाद के पालडी में कांग्रेस मुख्यालय, राजीव गांधी भवन में तोड़फोड़ की।
आगे की रणनीति
गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष शक्तिसिंह गोहिल ने कहा कि राहुल गांधी के दौरे से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और वे आगामी चुनावों के लिए अपनी रणनीति और सक्रियता को और बढ़ा सकेंगे। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पुलिस कांग्रेस नेताओं की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज नहीं कर रही है, इसलिए राहुल गांधी के दौरे का उद्देश्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा करना और आगे की योजना बनाना है।