
जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान जिन रथों में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र जी और सुभद्रा जी सवार होते हैं उनका निर्माण कार्य अक्षय तृतीया के दिन से ही शुरू हो जाता है। अक्षय तृतीया के दिन विधिवत रूप से लकड़ियों की पूजा के बाद निर्माण कार्य करने की परंपरा है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रथ यात्रा की समाप्ति के बाद रथ की लकड़ी का इस्तेमाल किन कार्यों में किया जाता है? रथ यात्रा समाप्ति के बाद रथों के कुछ हिस्सों की नीलामी की जाती है। हालांकि रथ के हिस्सों को जो भी खरीदता है उसे कुछ खास शर्तों को मानना पड़ता है। जैसे रथ के हिस्सों का इस्तेमाल गलत कार्यों या गलत तरीके से कोई नहीं कर सकता। जो भी हिस्सा कोई खरीदता है उसे सुरक्षित रखने की पूरी जिम्मेदारी उसी के पास होती है। रथ के हिस्सों की नीलामी के बाद भी कई हिस्से बच जाते हैं। रथ के इन हिस्सों का इस्तेमाल जगन्नाथ धाम में ही किया जाता है। ज्यादातर रथ के बाकी हिस्सों से रसोई घर में प्रसाद बनाया जाता है