
नई दिल्ली: विदेश यात्रा से दिल्ली लौटे संदिग्ध मरीज में मंकीपॉक्स की पुष्टि हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह जानकारी सार्वजनिक की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, हाल में विदेश से भारत लौटे दिल्ली के एक व्यक्ति में एमपॉक्स वायरस मिला है. ये मंकीपॉक्स का इस बार भारत में पहला मामला है. मंत्रालय इस केस पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और लोगों को पैनिक न होने की सलाह दी गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस मरीज को अस्पताल में आइसोलेशन और कड़ी निगरानी में रखा गया है. फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है. मरीज के संपर्क में आए लोगों की ट्रेसिंग की जा रही है. कल यानी रविवार को ही इस संदिग्ध मरीज के लक्षणों को देखते हुए उसे अलग आरक्षित वार्ड में आइसोलेट करके रखा गया था. साथ ही जांच के लिए उसका सैंपल भेज दिया गया था. मरीज को दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में आइसोलेट किया गया था.
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स ?
यह एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित व्यक्ति, वस्तु से फैल सकता है। इसमें शरीर पर दाने होना, ठंड लगकर बुखार आने जैसे लक्षण होते हैं। हेल्थ मिनिस्ट्री के अनुसार इससे बचाव के लिए हमें मास्क पहना चाहिए। इसके अलावा संक्रमित मरीज द्वारा यूज किए गए कपड़े, चादर, तौलिए आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। लक्ष्ण दिखाई पड़ने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
क्या हैं मंकीपॉक्स के लक्षण?
इस वायरस से संक्रमित मरीज के लक्षण की बात करें तो इसमें तेज बुखार के साथ-साथ मांसपेशियों और पीठ में तेज दर्द महसूस हो सकता है. इसके अलावा तेज सिरदर्द और शरीर पर चकत्ते भी पड़ सकते हैं. इसलिए अगर ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं तो फिर तुरंत डॉक्टर को दिखाना न भूले. वायरस से पीड़ित मरीज में बुखार 5 से 21 दिनों तक रह सकता है. सरकार विदेश से आने वाले यात्रियों पर नजर रख रही है. कुछ एयरपोर्ट पर भी इसके लिए यात्रियों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है.
WHO घोषित कर रखा है ग्लोबल इमरजेंसी
इसी साल 14 अगस्त को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंकीपॉक्स बीमारी के मौजूदा प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता को देखते हुए ग्लोबल इमरजेंसी घोषित किया था. डब्ल्यूएचओ की ओर से यह कदम कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में एम पॉक्स मामलों की लगातार बढ़ोतरी को देखते हुए लिया गया. पिछले छह महीने में पूर्वी अफ्रीकी देशों बुरुंडी, केन्या, रवांडा और युगांडा में इसके मामलों में तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिला है. ये वो देश हैं जहां पहले एम पॉक्स के मामले सामने आए थे.