प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ऐतिहासिक दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत पहुंचे हैं। पहले दिन उन्होंने गल्फ स्पिक लेबर कैंप का दौरा कर भारतीय कामगारों से मुलाकात की। पीएम मोदी ने न केवल उनके साथ नाश्ता किया बल्कि उनकी चुनौतियों और योगदानों पर चर्चा भी की।
कुवैत में भारतीय संस्कृति का सम्मान
कुवैत प्रवास के दौरान पीएम मोदी ने अरबी भाषा में अनुवादित रामायण और महाभारत के प्रकाशक अब्दुल्ला लतीफ अलनेसेफ और अनुवादक अब्दुल्ला बरोंथे से भी मुलाकात की। इस मौके पर अलनेसेफ ने कहा, “प्रधानमंत्री से मिलना मेरे लिए गर्व की बात है। इन किताबों का अनुवाद कुवैत और भारत के बीच सांस्कृतिक पुल का प्रतीक है।”
इसके साथ ही पीएम ने 101 वर्षीय पूर्व आईएफएस अधिकारी मंगल सेन हांडा से भी भेंट की। उनकी इस मुलाकात ने कुवैत में भारतीय समुदाय के लिए गहरी प्रेरणा का काम किया।
भारतीय प्रवासियों को संबोधित किया
कुवैत दौरे के दौरान पीएम मोदी ने ‘हला मोदी’ कार्यक्रम में भारतीय प्रवासियों से संवाद किया। उन्होंने कहा, “आप सबने कुवैत में भारत की पहचान को और मजबूत किया है। यहाँ का हर कोना मिनी हिंदुस्तान जैसा लगता है। भारत के हर राज्य और हर कोने के लोग यहां मौजूद हैं, जो इस देश के विकास में अहम योगदान दे रहे हैं।”
भारतीय श्रमिकों का सम्मान
पीएम मोदी ने श्रमिक शिविर में भारतीय कामगारों के साथ वक्त बिताते हुए उनकी मेहनत और समर्पण को सलाम किया। उन्होंने कहा, “आप सभी कुवैत की प्रगति का हिस्सा हैं। डॉक्टर, नर्स, शिक्षक, इंजीनियर और श्रमिक- हर कोई कुवैत को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहा है। कुवैत की लीडरशिप आप सभी की प्रशंसा करती है।”
भारतीयों की उपलब्धियों का जश्न
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा, “मैं यहां सिर्फ आपसे मिलने नहीं आया, बल्कि आपकी उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने आया हूं। आप लोगों ने कुवैत में न केवल भारत का नाम ऊंचा किया है, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों को भी प्रगाढ़ किया है।”
पीएम मोदी का यह दौरा केवल एक औपचारिक यात्रा नहीं बल्कि प्रवासी भारतीयों के योगदानों को सम्मानित करने और उनके साथ मजबूत संवाद बनाने का एक ऐतिहासिक अवसर बन गया।