बजट 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश करते हुए मकान मालिकों और किरायेदारों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा की। अब किराए पर स्रोत पर कर (TDS) कटौती की वार्षिक सीमा 2.4 लाख रुपये से बढ़ाकर 6 लाख रुपये कर दी गई है। अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा, “मैं टीडीएस की दरों और सीमा को सरल बनाने का प्रस्ताव करती हूं, जिससे कर अनुपालन को आसान बनाया जा सके।”
क्या कहता है नियम?
बजट दस्तावेज़ के अनुसार, आयकर अधिनियम की धारा 194-I के तहत, यदि कोई व्यक्ति किसी निवासी को किराए के रूप में भुगतान कर रहा है, तो उसे टीडीएस काटना आवश्यक होता है यदि वार्षिक किराया 2.4 लाख रुपये से अधिक हो। अब इस सीमा को 6 लाख रुपये कर दिया गया है, जिससे छोटे मकान मालिकों और किरायेदारों को बड़ा फायदा होगा।
कैसे होगा फायदा?
टैक्स एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह बदलाव उन सभी व्यक्तियों को राहत देगा जो किराया देते हैं या प्राप्त करते हैं, चाहे वह घर, दुकान, कार्यालय या अन्य संपत्तियों का किराया हो।
- छोटे मकान मालिकों को राहत: अगर किसी मकान मालिक की सालाना किराये की आय 6 लाख रुपये से कम है, तो उस पर अब टीडीएस नहीं कटेगा। इससे छोटे संपत्ति मालिकों को हर महीने अधिक नकद प्रवाह मिलेगा।
- किरायेदारों का अनुपालन बोझ कम होगा: कम किराए वाले किरायेदारों को अब टीडीएस काटने और उसे सरकार के पास जमा करने की अतिरिक्त जिम्मेदारी से छुटकारा मिलेगा।
- सरल कर व्यवस्था: छोटे करदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने कम मूल्य के किराये के लेनदेन में टीडीएस कटौती की अनिवार्यता कम कर दी है।
अगर यह प्रस्ताव कानून का रूप लेता है, तो 6 लाख रुपये तक के सालाना किराये पर कोई टीडीएस लागू नहीं होगा, जिससे लाखों मकान मालिकों और किरायेदारों को सीधा फायदा पहुंचेगा।