
काशीपुर: काशीपुर में दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शामिल हुए। स्टेडियम में पहुंचने पर मेयर दीपक बाली और पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। कथा स्थल पर मुख्यमंत्री ने देवभूमि की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को संरक्षित रखने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने कहा कि सरकार उत्तराखंड को देश का श्रेष्ठ राज्य बनाने के लिए संकल्पबद्ध है।
काशीपुर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में काशीपुर की ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह भूमि सदियों से धर्म, अध्यात्म और संस्कृति की जीवंत परंपराओं को संजोए हुए है। उन्होंने कहा कि काशीपुर के सुप्रसिद्ध गिरीताल और द्रोणासागर का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में मिलता है, जो इस स्थान की सनातन संस्कृति का प्रमाण है।
चैती मंदिर बना मानसखंड कॉरिडोर का हिस्सा
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत का तेजी से संवर्धन और संरक्षण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि केदारखंड और चारों धामों के विकास के साथ-साथ काशीपुर के चैती मंदिर को भी मानसखंड मंदिर माला श्रृंखला के अंतर्गत शामिल किया गया है। इसके अलावा, सरकार प्रदेश के अन्य प्राचीन मंदिरों और शिवालयों के पुनर्निर्माण के लिए भी कार्य कर रही है।
सख्त कानून और धर्मांतरण पर रोक
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लव जिहाद, लैंड जिहाद और धर्मांतरण जैसी घृणित मानसिकताओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है। राज्य सरकार ने अतिक्रमण हटाने का अभियान शुरू किया है और समान नागरिक संहिता कानून लागू करने का साहसिक कदम भी उठाया है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की पवित्र भूमि के मूल स्थायित्व को किसी भी कीमत पर समाप्त नहीं होने दिया जाएगा।
श्रद्धांजलि देने पहुंचे सीएम
श्रीमद्भागवत कथा के समापन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, अपूर्व जिंदल व प्रतीक जिंदल के आवास पर पहुंचे। उन्होंने अपूर्व के पिता योगेंद्र जिंदल के निधन पर शोक व्यक्त किया और उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान जिंदल परिवार के अन्य सदस्य व गणमान्य लोग उपस्थित रहे।