
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार, “ऑपरेशन अभ्यास” के तहत एक दिवसीय मॉक ड्रिल का सफल आयोजन राज्यभर में किया गया है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत पुणे समेत मुंबई में आपातकालीन परिस्थितियों के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों का प्रदर्शन किया गया, जिससे अग्निसुरक्षा, अग्निशमन तकनीक, एयर स्ट्राइक प्रतिक्रिया, घायल व्यक्तियों की बचत तथा पुनरुद्धार के नवाचार को उजागर किया जा सके।
मुंबई में यह मॉक ड्रिल मुंबई पुलिस, सिविल डिफेंस, बीएमसी और फायर डिपार्टमेंट के सहयोग से आयोजित की गई। साथ ही एनडीआरएफ, होम गार्ड, एनसीसी, एनएसएस और पैरामेडिक्स ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अतिरिक्त, ठाणे के कल्याण, नाशिक, पुणे, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, ऊरण और तारापुर में भी यह अभ्यास सफलता पूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें मुंबई के अनशक्ति नगर और तारापुर में ब्लैकआउट ड्रिल शामिल की गई।
चत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस में आयोजित मॉक ड्रिल में हमले के दौरान घायल हुए यात्रियों की सहायता करने और आग पर नियंत्रण पाने के तरीके को प्रभावी रूप से प्रदर्शित किया गया। रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करते समय सिविल डिफेंस ने पुलिस कुत्तों का उपयोग कर सुरक्षा उपायों को और भी सुदृढ़ किया। केंद्रीय रेलवे के प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी, डॉ. स्वप्नील निला के अनुसार, “यह अभ्यास न केवल तत्परता का परिचय देता है, बल्कि आम नागरिकों में सचेतता जगाने का भी प्रयास करता है।”
इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य मौजूदा आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली में सुधार लाना और नागरिकों को किसी भी आपदा के समय पैनिक न करने के लिए प्रेरित करना है। सिविल डिफेंस के महानिदेशक प्रभात कुमार ने कहा, “युद्ध जैसी परिस्थितियों में हर स्थिति का नियंत्रण नहीं रखा जा सकता, परन्तु हम सभी नागरिक मिलकर जीवन की हानि को कम करने में योगदान दे सकते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि फरवरी 2025 में मुंबई विश्वविद्यालय के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिसके अंतर्गत प्रशिक्षिण कार्यक्रम को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।
इस प्रकार, “ऑपरेशन अभ्यास” न केवल सुरक्षा उपायों की समीक्षा करता है बल्कि नागरिकों, अधिकारियों और विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और समन्वय का संदेश भी देता है।