
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दुर्भाग्यपूर्ण आतंकी हमले और उसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है। भारतीय सेना ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है, जिसमें बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की खबरें हैं। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से भी भारत के कई इलाकों में ड्रोन और मिसाइलों से हमले की कोशिशें की गईं, लेकिन भारतीय सेना और एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया। दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच उपजे इस तनाव को लेकर पूरी दुनिया में चिंता जताई जा रही है। इसी कड़ी में, अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने भी इस स्थिति पर एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है।
तनाव कम करें दोनों देश: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “हम परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच किसी भी तरह के तनाव पर हमेशा ही चिंतित होते हैं।” उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, विदेश मंत्री मार्को रूबियो (यहां सही पदनाम देना बेहतर होगा – अगर मार्को रूबियो सिनेटर हैं तो सिनेटर मार्को रूबियो लिखें) और अन्य अमेरिकी नेताओं का भी यही मत है कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही देश जितनी जल्द हो सके, तनाव को कम करने की दिशा में कदम उठाएं।
‘हम इस जंग के बीच में नहीं पड़ेंगे’: अमेरिका का स्पष्ट रुख
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने अमेरिकी रुख स्पष्ट करते हुए आगे कहा, “हम इन देशों को (पूरी तरह से) कंट्रोल नहीं कर सकते। हम उन्हें सिर्फ तनाव कम करने का आग्रह कर सकते हैं। लेकिन हम इस जंग के बीच में प्रत्यक्ष तौर पर नहीं पड़ेंगे।” उन्होंने साफ किया कि अमेरिका का इससे सीधा सैन्य लेना-देना नहीं है और वे न तो भारत से हथियार डालने को कह सकते हैं और न ही पाकिस्तान से।
उन्होंने बताया कि अमेरिका इस मुद्दे को राजनयिक माध्यमों से सुलझाने की कोशिश करेगा। जेडी वेंस ने अपनी सबसे बड़ी चिंता साझा करते हुए कहा, “हमें पूरी उम्मीद है कि यह तनाव किसी बड़े क्षेत्रीय संघर्ष में न बदले और ये (स्थिति) दुर्भाग्यवश परमाणु युद्ध की ओर न जाए। हम इस संभावना को लेकर चिंतित हैं।” उन्होंने अंत में कहा कि इस जिम्मेदारी को ‘कूटनीति और भारत तथा पाकिस्तान के समझदार लोगों को उठाना है ताकि यह जंग परमाणु युद्ध में न बदल सके।’