मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की अहम बैठक में 6 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। ये निर्णय प्रदेश के विकास, नीतिगत सुधारों और बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को संपन्न हुई कैबिनेट बैठक में कुल छह महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।बैठक के बाद सचिव शैलेश बगोली ने फैसलों की जानकारी दी। इस दौरान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल, रेखा आर्य, सौरभ बहुगुणा और धन सिंह रावत मौजूद रहे।लगभग ढाई घंटे चली बैठक में कृषि, खनन, बाढ़ प्रबंधन और स्वास्थ्य जैसे अहम क्षेत्रों से जुड़े फैसले लिए गए।
कैबिनेट के प्रमुख फैसले:
- जैव प्रौद्योगिकी परिषद में नियमावली को मंजूरी: उत्तराखंड जैव प्रौद्योगिकी परिषद के तहत बनाए गए दो केंद्रों में शोध की व्यवस्था नहीं होने के कारण सर्विस रूल्स में संशोधन को मंजूरी दी गई है।परिषद के दो केंद्रों में पहले से सृजित 46 पदों के संचालन के लिए नियमावली को मंजूरी दी गई है।
- खनन विभाग में 18 नए पद: हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए बागेश्वर क्षेत्र में खनन गतिविधियों के निरीक्षण को बढ़ाने के लिए 18 नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई है।
- बाढ़ मैदान क्षेत्र में निर्माण को अनुमति: उत्तराखंड बाढ़ मैदान परिक्षेत्रण अधिनियम, 2012 के तहत आसन नदी के भट्टाफॉल से लेकर आसन बैराज तक के 53 किलोमीटर क्षेत्र को बाढ़ परिक्षेत्र के रूप में अधिसूचित करने को मंजूरी मिली। साथ ही, देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदियों के बाढ़ परिक्षेत्र घोषित क्षेत्रों में एसटीपी, एलिवेटेड रोड, रोपवे टावर, मोबाइल टावर और हाईटेंशन लाइन जैसे पांच तरह के निर्माण कार्यों को भी अनुमति दी गई है।
- PPP मोड पर विकसित होंगे PWD के गेस्ट हाउस: लोक निर्माण विभाग के पांच निरीक्षण भवनों (रानीखेत, उत्तरकाशी, दुगलबित्ता, हर्षिल और ऋषिकेश) को पीपीपी मोड पर विश्व स्तरीय गेस्ट हाउस के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
- महिला एवं बाल विकास के लिए नियमावली: आबकारी विभाग से मिलने वाले एक प्रतिशत सेस को महिला एवं बाल विकास से जुड़ी योजनाओं पर खर्च करने के लिए नियमावली को मंजूरी दी गई है।
- पैरामेडिकल काउंसिल का गठन: प्रदेश में पैरामेडिकल पाठ्यक्रमों के मानकों, प्रवेश परीक्षा और पंजीकरण में एकरूपता लाने के लिए नेशनल कमीशन फॉर एलाइड एंड हेल्थ केयर प्रोफेशन एक्ट, 2021 के तहत “उत्तराखंड राज्य संबद्ध और स्वास्थ्य देखरेख परिषद” के गठन को मंजूरी दी गई।