20 मई को अपने जन्मदिन के अवसर पर जब देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू देहरादून में NIEPVD (नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर द एम्पावरमेंट ऑफ पर्सन्स विद विजुअल डिसेबिलिटीज़) के एक कार्यक्रम में पहुंचीं, तो वहां दिव्यांग बच्चों की प्रस्तुति ने पूरे माहौल को भावुक कर दिया।

देहरादून: अपने तीन दिवसीय उत्तराखंड दौरे के दौरान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को अपने जन्मदिन के अवसर पर देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में भावुक हो गईं।राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (NIEPVD) में दृष्टिबाधित बच्चों द्वारा दी गई एक मार्मिक प्रस्तुति के दौरान राष्ट्रपति अपने आंसुओं को रोक नहीं पाईं।
यह भावुक क्षण तब आया जब संस्थान के बच्चों ने राष्ट्रपति के सम्मान में फिल्म ‘तारे जमीं पर’ का एक गीत प्रस्तुत किया।इस प्रस्तुति ने राष्ट्रपति सहित मंच पर मौजूद केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र कुमार और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) को भी भावुक कर दिया।इसके तुरंत बाद, जब बच्चों ने राष्ट्रपति को जन्मदिन की बधाई देते हुए “बार-बार दिन ये आए” गीत गाया, तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की आंखों से आंसू बहने लगे। इस दृश्य ने पूरे हॉल को भावनाओं से भर दिया।
अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने कहा कि वह बच्चों की प्रतिभा से अत्यंत प्रभावित हैं।उन्होंने भावुक होकर कहा, “जब मैं बच्चों को गाते हुए देख रही थी, तो मेरी आंखों से आंसू नहीं रुक रहे थे। यह बच्चे गले से नहीं, हृदय से गा रहे थे। मुझे लगता है कि सरस्वती उनके गले में बैठी है।”उन्होंने आगे कहा कि ईश्वर यदि किसी अंग में कोई कमी देता है, तो एक ऐसी अद्वितीय प्रतिभा भी प्रदान करता है जो उन्हें दूसरों से अलग बनाती है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने इस बात पर जोर दिया कि किसी समाज की प्रगति का आकलन इस बात से होता है कि वह अपने दिव्यांगजनों के साथ कैसा व्यवहार करता है।उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें दिव्यांग बच्चों को अन्य बच्चों के समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अवसर प्रदान करने का प्रावधान है।उन्होंने राष्ट्रपति भवन में दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए उठाए गए कदमों का भी जिक्र किया, जिसमें ‘पर्पल फेस्ट’ का आयोजन और दिव्यांगजनों द्वारा संचालित एक कैफे शामिल है।कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ने बच्चों को चश्मा लगाकर सम्मानित भी किया।
राष्ट्रपति ने गर्व के साथ कहा:
“यह देखकर प्रसन्नता हुई कि यहां के बच्चे संगीत, गणित, विज्ञान, कंप्यूटर, नृत्य और खेल जैसे हर क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि NIEPVD एक दिन पूरे देश का गौरव बनेगा।”