
देहरादून: उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच दो दशकों से भी अधिक समय से लंबित परिसंपत्ति और देनदारियों के बंटवारे के मुद्दे पर निर्णायक प्रगति होती दिख रही है. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जल्द ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर इन मामलों के अंतिम समाधान पर चर्चा करेंगे. इस बहुप्रतीक्षित बैठक का उद्देश्य उन सभी शेष मुद्दों को हल करना है जो उत्तराखंड के गठन के बाद से ही अनसुलझे हैं.
बुधवार को देहरादून में एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए, सीएम धामी ने अधिकारियों को उन मामलों में तेजी लाने का निर्देश दिया, जिन पर पहले ही दोनों राज्यों के बीच सहमति बन चुकी है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अब इन वर्षों पुराने वित्तीय और परिसंपत्ति से जुड़े मुद्दों का स्थायी समाधान निकालने का समय आ गया है.
अब तक इन मुद्दों पर बनी सहमति
पिछली बैठकों के सकारात्मक परिणाम अब सामने आने लगे हैं. एक महत्वपूर्ण विकास के तहत, उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार जिलों में स्थित जलाशयों और नहरों में वाटर स्पोर्ट्स गतिविधियों को मंजूरी दे दी गई है, जिससे राज्य में पर्यटन को नया बढ़ावा मिलने की उम्मीद है. इसके अलावा, कई वित्तीय देनदारियों का भी निपटारा किया गया है:
- बिजली बिल का भुगतान: उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग ने बिजली बिल के रूप में 57.87 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है.
- मत्स्य निगम का भुगतान: उत्तर प्रदेश मत्स्य निगम ने उत्तराखंड मत्स्य पालन विकास अभिकरण को 3.98 करोड़ रुपये की राशि दी है.
- अन्य भुगतान: वन विकास निगम को आंशिक भुगतान और परिवहन निगम की बकाया राशि का भी निपटान किया जा चुका है.
- आवास परिषद की संपत्ति: आवास विकास परिषद की संपत्तियों के निस्तारण पर भी दोनों राज्यों में सहमति बन गई है.
यह प्रगति दोनों राज्यों के नेतृत्व द्वारा सौहार्दपूर्ण माहौल में मुद्दों को सुलझाने की इच्छा को दर्शाती है. सीएम धामी की आगामी लखनऊ यात्रा और सीएम योगी के साथ उनकी बैठक को इस दिशा में एक अंतिम और निर्णायक कदम के रूप में देखा जा रहा है, जिससे दशकों पुराने इस विवाद पर विराम लग सकता है.