
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई उत्तराखंड कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई। बैठक में राज्य की पहली जियोथर्मल ऊर्जा नीति-2025 को मंजूरी दे दी गई, जिसका उद्देश्य प्रदेश में भू-तापीय ऊर्जा के स्रोतों की खोज और विकास को बढ़ावा देना है।इसके अलावा, सामाजिक सुरक्षा, खनन, और बुनियादी ढांचे से जुड़े कई अहम फैसले भी लिए गए।
कैबिनेट ने एक बड़े सामाजिक फैसले में वृद्धावस्था और विधवा पेंशन को लेकर एक महत्वपूर्ण संशोधन को मंजूरी दी। अब किसी भी लाभार्थी की पेंशन उनके बेटे के 18 साल का हो जाने पर नहीं रुकेगी। इस फैसले से हजारों पेंशन लाभार्थियों को बड़ी राहत मिलेगी।
ऊर्जा क्षेत्र में नई पहल: जियोथर्मल नीति स्वीकृत
राज्य सरकार ने ऊर्जा के एक नए और स्वच्छ स्रोत की ओर कदम बढ़ाते हुए ‘उत्तराखंड जियोथर्मल एनर्जी पॉलिसी 2025’ को स्वीकृति दे दी है।इस नीति का लक्ष्य भू-तापीय संसाधनों की खोज के लिए वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान को प्रोत्साहित करना है। सरकार का मानना है कि यह नीति न केवल राज्य की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी सहायक होगी।भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी ने उत्तराखंड में लगभग 40 ऐसे स्थलों की पहचान की है जहां भू-तापीय ऊर्जा का उपयोग किया जा सकता है।
खनन क्षेत्र के लिए न्यास का गठन
कैबिनेट ने प्रदेश में खनन गतिविधियों को व्यवस्थित करने और इसका लाभ स्थानीय लोगों तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। नए खनिजों के लिए अब जिला और राज्य स्तर पर खनन न्यास (माइनिंग ट्रस्ट) का गठन किया जाएगा।इसके लिए “उत्तराखंड राज्य खनिज अन्वेषण न्यास, नियमावली 2025” और “उत्तराखंड जिला खनिज फाउन्डेशन न्यास नियमावली, 2025” को मंजूरी दी गई है। इन न्यासों के माध्यम से खनिज राजस्व का एक हिस्सा स्थानीय क्षेत्र के विकास कार्यों पर खर्च किया जाएगा।
अन्य महत्वपूर्ण फैसले:
- पुलों की मजबूती: प्रदेश में पुलों की भार क्षमता बढ़ाने के लिए एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) के गठन को मंजूरी दी गई।यह यूनिट पुलों की स्थिति का मूल्यांकन कर उन्हें अपग्रेड करने के लिए प्रस्ताव देगी।
- सतर्कता विभाग का विस्तार: भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए सतर्कता (विजिलेंस) विभाग के ढांचे में 20 नए पद बढ़ाए गए हैं, जिससे कुल पदों की संख्या 132 से बढ़कर 152 हो गई है।
- जीएसटी विभाग का पुनर्गठन: राज्य जीएसटी विभाग के ढांचे में भी पदों की संख्या में वृद्धि को मंजूरी दी गई है, ताकि कर संग्रह प्रणाली को और बेहतर बनाया जा सके।
- डिजिटल फॉरेंसिक लैब: राज्य कर विभाग में एक डिजिटल फॉरेंसिक लैब की स्थापना को भी स्वीकृति मिली है, जो कर चोरी की जांच में मददगार होगी।