
नई दिल्ली : उत्तराखंड की प्रिय शहर हल्द्वानी में हुई हिंसा का अंदाजा लगाना अब भी मुश्किल है। 24 जनवरी 2024 को अतिक्रमण हटाने के प्रयास के दौरान हुई हिंसा ने शहर को गहरे दर्द की चोट पहुंचाई है। अब तक पांच लोगों की मौत हो चुकी है और 100 से अधिक घायल हैं।
घटनाओं का संघर्ष
24 जनवरी की सुबह, जब प्रशासन ने रेलवे की भूमि से अतिक्रमण हटाने का आदेश जारी किया, तो कुछ लोगों ने विरोध प्रकट किया। इसका परिणाम यह हुआ कि पथराव होने लगा और पुलिस को लाठीचार्ज और हवाई फायरिंग की जरूरत पड़ी। इस दरारने के बाद दो लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए।
25 जनवरी को, हिंसा ने फिर से अपनी बुराई दिखाई और इस बार तीन और लोगों की जान ले ली। इसके परिणामस्वरूप कर्फ्यू लगाया गया और इसे 27 जनवरी को हल्का किया गया।
28 जनवरी को, इंटरनेट सेवा को पुनः संचालित किया गया और 29 जनवरी को स्कूल और कॉलेजों को फिर से खोल दिया गया।
सरकार की कड़ी कार्रवाई
सरकार ने इस हिंसा की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया है और पीड़ितों के परिवारों को मुआवजा देने का भी ऐलान किया है। उत्तराखंड सरकार ने भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का भी वादा किया है।