
देहरादून: उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने एक बार फिर तबाही मचाई है। चमोली जिले के नंदानगर घाट क्षेत्र में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है, जहां करीब 10 लोग लापता बताए जा रहे हैं। वहीं, भूस्खलन और सड़कें टूटने के कारण विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मसूरी में 2500 से 3000 पर्यटक फंस गए हैं।
चमोली में बादल फटा, कई घर तबाह
गुरुवार देर रात चमोली जिले के नंदानगर क्षेत्र के कुंतरी लंगाफली और धुर्मा गांवों में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं। इस आपदा के कारण कई घर क्षतिग्रस्त हो गए और मलबे में दब गए।प्राप्त जानकारी के अनुसार, कुंतरी लगा फाली से 8 और धुर्मा गांव से 2 लोग लापता हैं। कुछ रिपोर्टों में लापता लोगों की संख्या 12 तक बताई गई है।बादल फटने से मोक्ष नदी का जलस्तर भी बढ़ गया, जिससे स्थानीय लोगों में डर का माहौल है।
घटना की सूचना मिलते ही राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीमें मौके पर पहुंच गई हैं और बचाव कार्य जारी है। स्थानीय प्रशासन और बचाव दल मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटे हुए हैं।मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को युद्धस्तर पर राहत और बचाव अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
मसूरी में फंसे हजारों पर्यटक, सड़क संपर्क टूटा
दूसरी ओर, लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और भूस्खलन के कारण मसूरी का प्रदेश के अन्य हिस्सों से संपर्क टूट गया है। देहरादून-मसूरी मार्ग पर एक पुलिया के क्षतिग्रस्त हो जाने से यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है।इसके चलते करीब 2000 से 3000 सैलानी मसूरी में फंस गए हैं।
प्रशासन फंसे हुए पर्यटकों को निकालने और सड़क मार्ग को फिर से बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। लोक निर्माण विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त पुल की जगह पर बैली ब्रिज का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसके जल्द पूरा होने की उम्मीद है। इस बीच, स्थानीय होटल एसोसिएशन ने फंसे हुए पर्यटकों के लिए मुफ्त रहने और खाने की व्यवस्था की है, जो इस आपदा की घड़ी में एक सराहनीय कदम है।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है।