
देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले को लेकर कांग्रेस द्वारा किए गए मुख्यमंत्री आवास कूच पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चुटकी ली है।उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस के नेता आपस में मंथन कर लेते तो शायद यह विरोध कार्यक्रम नहीं होता। मुख्यमंत्री का यह बयान इस संदर्भ में आया है कि सरकार पहले ही इस मामले में छात्रों की मांग को मानते हुए सीबीआई जांच की सिफारिश कर चुकी है।
शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा और पूर्व अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पेपर लीक के मुद्दे पर सीएम आवास का घेराव करने के लिए मार्च निकाला। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हाथी बड़कला में बैरिकेड लगाकर रोक दिया, जहां उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।कांग्रेस की मांग है कि परीक्षा को रद्द किया जाए और हाईकोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में पूरे मामले की सीबीआई जांच हो।
कांग्रेस के इस प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “पहले कांग्रेस के नेताओं को यह बताना चाहिए कि वे सीबीआई जांच की सिफारिश से खुश हैं या नहीं।” उन्होंने कहा कि सरकार ने छात्रों के हित में फैसला ले लिया है और कांग्रेस के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है। सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं को परेशान होने की जरूरत नहीं है, सरकार को छात्रों के हित में जो करना है, वह कर रही है।
गौरतलब है कि हाल ही में यूकेएसएसएससी की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद प्रदेशभर में छात्रों ने व्यापक आंदोलन किया था। छात्रों के लगातार प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद प्रदर्शन स्थल पर जाकर उनसे मुलाकात की थी और सीबीआई जांच की मांग को स्वीकार कर लिया था, जिसके बाद छात्रों ने अपना आंदोलन समाप्त कर दिया था। सरकार के इस कदम के बावजूद कांग्रेस ने अपना पूर्व निर्धारित प्रदर्शन जारी रखा, जिसे सत्ता पक्ष अब राजनीतिक स्टंट बता रहा है।