
देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने बच्चों को दिए जाने वाले कुछ कफ सिरप की बिक्री और खरीद पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम देश के अन्य राज्यों में प्रतिबंधित कफ सिरप से बच्चों की मौत की घटनाओं के बाद उठाया गया है। इसके साथ ही, भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के निर्देश पर पशुओं के लिए इस्तेमाल होने वाली कई एंटी-माइक्रोबियल दवाओं पर भी राज्य में प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बच्चों के कफ सिरप पर कार्रवाई
मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में बच्चों की मौत के मामलों से जुड़ने के बाद उत्तराखंड सरकार ने दो विशेष कफ सिरप—कोल्डरीफ (Coldreaf) और डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न हाइड्रोब्रोमाइड (Dextromethorphan Hydrobromide) युक्त सिरप—की बिक्री पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) की टीमें प्रदेशभर में मेडिकल स्टोरों, थोक विक्रेताओं और अस्पतालों में छापेमारी कर रही हैं।इन छापों के दौरान दवाओं के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं और नियमों का उल्लंघन करने वाले कई मेडिकल स्टोरों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए गए हैं।
सरकार ने डॉक्टरों से भी चार साल से कम उम्र के बच्चों को प्रतिबंधित कफ सिरप न लिखने की अपील की है। यह कार्रवाई केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई एडवाइजरी के बाद की गई है, जिसमें बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी।
पशुओं की दवाओं पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 23 सितंबर, 2025 को एक पत्र जारी कर पशुओं के उपयोग में आने वाली कई एंटी-माइक्रोबियल दवाओं के आयात, निर्माण और बिक्री पर देशव्यापी प्रतिबंध लगा दिया था। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (AMR) के बढ़ते खतरे को रोकना है, जो इंसानों के स्वास्थ्य के लिए भी एक गंभीर चिंता का विषय है।
इस आदेश के अनुपालन में, उत्तराखंड के खाद्य संरक्षा एवं ड्रग्स प्रशासन (FDA) ने भी प्रदेश में इन दवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है। FDA के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी द्वारा जारी आदेश के अनुसार, इन दवाओं का आयात, निर्यात और बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
प्रतिबंधित दवाओं की सूची
पशुओं के लिए प्रतिबंधित की गई दवाओं में शामिल हैं:
- 15 एंटीबायोटिक्स: यूरिडोपेनिसिलिन (Ureidopenicillins), सेफ्टोबिप्रोल (Ceftobiprole), सेफ्टारोलाइन (Ceftaroline), साइडरोफोर सेफलोस्पोरिन (Siderophore cephalosporins), कार्बापेनेम्स (Carbapenems), पेनेम्स (Penems), मोनोबैक्टम्स (Monobactams), ग्ल्य्कोपेप्तिदेस (Glycopeptides), लिपोपेप्टाइड्स (Lipopeptides), ऑक्साजोलिडिनोन्स (Oxazolidinones), फिडैक्सोमिसिन (Fidaxomicin), प्लाजोमिसिन (Plazomicin), ग्लाइसिलसाइक्लिन्स (Glycylcyclines), एरावासाइक्लिन (Eravacycline) और ओमाडासाइक्लिन (Omadacycline)।
- 18 एंटीवायरल्स: अमैंटाडाइन (Amantadine), बालोक्साविर मार्बॉक्सिल (Baloxavir marboxil), सेल्गोसिविर (Celgosivir), फेविपिराविर (Favipiravir), गैलिडेसिविर (Galidesivir), लैक्टिमिडोमाइसिन (Lactimidomycin), लैनिनामिवीर (Laninamivir), मेथिसाजोन/मेटिसाजोन (Methisazone/Metisazone), मोलनुपिराविर (Molnupiravir), निटाज़ोक्सानाइड (Nitazoxanide), ओसेल्टामिवीर (Oseltamivir), पेरामिविर (Peramivir), रिबाविरिन (Ribavirin), रिमांटाडाइन (Rimantadine), टिज़ोक्सानाइड (Tizoxanide), ट्रायजाविरिन (Triazavirin), उमिफेनोविर (Umifenovir) और जानामिवीर (Zanamivir)।
- 1 एंटी-प्रोटोजोल: निटाजोक्सानाइड (Nitazoxanide)।