
नई दिल्ली: अदाणी ग्रुप ने हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट को सिरे से खारिज करते हुए इसे दुर्भावनापूर्ण और ध्यान भटकाने की कोशिश बताया है। ग्रुप ने अपने बयान में कहा है कि रिपोर्ट तैयार करने के लिए पहले से सार्वजनिक जानकारी से चुनिंदा टुकड़े उठाए गए हैं, ताकि पहले से तय निष्कर्षों पर पहुंचा जा सके। उन्होंने इसे निजी लाभ के लिए की गई साजिश बताते हुए कहा कि इस प्रक्रिया में तथ्यों और कानून की पूरी तरह अनदेखी की गई है।
अदाणी ग्रुप ने स्पष्ट किया है कि इन आरोपों का कोई आधार नहीं है और सुप्रीम कोर्ट ने मार्च 2023 में इन्हें पहले ही खारिज कर दिया था। बयान में कहा गया है, “हम फिर से दोहराते हैं कि विदेशों में हमारे सभी निवेश पूरी तरह पारदर्शी हैं और सभी जरूरी जानकारी सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराई जाती हैं। इस शरारतपूर्ण रिपोर्ट में जिन व्यक्तियों के नाम हैं, उनके साथ अदाणी ग्रुप का कोई कारोबारी संबंध नहीं है।”
ग्रुप ने यह भी कहा कि यह रिपोर्ट हमारी छवि को धूमिल करने की एक संगठित कोशिश है। अदाणी ग्रुप पूरी पारदर्शिता के साथ सभी आवश्यक नियमों का पालन करता है। उन्होंने इस रिपोर्ट को बदनाम शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग द्वारा भारतीय कानूनों की अवहेलना कर ध्यान भटकाने की हताशा भरी कोशिश करार दिया।