
अल्मोड़ा: सांस्कृतिक नगरी अल्मोड़ा एक बार फिर मां नंदा देवी के जयकारों से गूंजने को तैयार है। इस वर्ष मां नंदा देवी का भव्य मेला 28 अगस्त से 3 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। मंदिर समिति ने मेले की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मेले का उद्घाटन करेंगे। समिति ने नंदा देवी मेला 2025 के पोस्टर का विमोचन कर मेले की पूरी रूपरेखा भी तय कर ली है।
सीएम पुष्कर धामी होंगे मुख्य अतिथि
नंदा देवी मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मनोज वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि मेले के शुभारंभ के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को निमंत्रण भेजा गया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। कार्यक्रम के अनुसार, 28 अगस्त को मुख्यमंत्री मेले का शुभारंभ करेंगे। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री व अल्मोड़ा सांसद अजय टम्टा और स्थानीय विधायक मनोज तिवारी भी बतौर अतिथि मौजूद रहेंगे।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की रहेगी धूम
मेले को और अधिक भव्य बनाने के लिए इस वर्ष कार्यक्रमों का आयोजन नंदा देवी मंदिर परिसर के साथ-साथ एडम्स इंटर कॉलेज मैदान, मल्ला महल और मुरली मनोहर मंदिर में भी किया जाएगा। मेले में उत्तराखंड की समृद्ध संस्कृति की अनूठी झलक देखने को मिलेगी। प्रदेश के जाने-माने लोक गायक अपनी प्रस्तुतियों से समां बांधेंगे, वहीं वरिष्ठ कलाकार झोड़ा, चांचरी, भगनौल और छपेली जैसे पारंपरिक लोक नृत्यों को जीवंत करेंगे, ताकि युवा पीढ़ी अपनी संस्कृति से जुड़ सके। मेले के अधिकांश कार्यक्रमों में महिलाओं की विशेष भागीदारी रहेगी।
दुलगांव से लाए जाएंगे कदली वृक्ष
परंपरा के अनुसार, मां नंदा-सुनंदा की मूर्तियों का निर्माण केले के वृक्ष (कदली वृक्ष) से किया जाता है। इस बार ये पवित्र वृक्ष रैलाकोट के दुला गांव से लाए जाएंगे। 29 अगस्त को मंदिर कमेटी और स्थानीय लोग कदली वृक्षों को निमंत्रण देने जाएंगे और 30 अगस्त को शोभायात्रा के साथ उन्हें नंदा देवी मंदिर परिसर लाया जाएगा। यहां पूजा-अर्चना के बाद स्थानीय कलाकार इन वृक्षों से मां की मनमोहक मूर्तियों का निर्माण करेंगे। नंदा अष्टमी के दिन विशेष पूजा होगी और भक्त 3 सितंबर तक मूर्तियों के दर्शन कर सकेंगे।
3 सितंबर को शोभायात्रा के साथ समापन
मेले का समापन 3 सितंबर को मां नंदा-सुनंदा की भव्य शोभायात्रा के साथ होगा। यह शोभायात्रा नंदा देवी मंदिर से शुरू होकर बाजार मार्ग से होते हुए जीजीआईसी स्थित तल्ला महल पहुंचेगी। वहां भव्य आरती के बाद शोभायात्रा दुगालखोला स्थित नौले पहुंचेगी, जहां मूर्तियों के विसर्जन के साथ ही यह वार्षिक मेला संपन्न हो जाएगा। इसके साथ ही मंदिर समिति ने 2026 में होने वाली नंदा राजजात की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।