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Dehradun: खगोल विज्ञान के इतिहास में एक दुर्लभ और अद्भुत घटना घटने वाली है। NASA के अनुसार, आने वाले महीनों में, अब से लेकर सितंबर के बीच, आकाशगंगा में एक ‘नोवा’ नामक विस्फोट होगा, जिससे एक ‘नया तारा’ का जन्म होगा। यह घटना हमारी आकाशगंगा, Milky Way के Corona Borealis या उत्तरी क्राउन तारामंडल में होने जा रही है, जो बूटेस और हरक्यूलिस तारामंडल के बीच स्थित है।
नासा के मुताबिक, तारा के जन्म की घटना को नोवा के रूप में जाना जाता है. यह घटना मिल्की वे के कोरोना बोरेलिस यानी उत्तरी क्राउन तारामंडल में घटित होगी. यह तारामंडल बूट्स और हरक्यूलिस तारामंडल के बीच में स्थित है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, साल 1946 के बाद पहली बार होगा जब धरती के लोग किसी नये तारे को बनता आंखों से देख सकेंगे.
‘नोवा’ विस्फोट एक सफेद बौने तारे में होने वाला एक थर्मोन्यूक्लियर धमाका है, जो अपने आसपास के पदार्थ को अंतरिक्ष में फेंक देता है। इस विस्फोट से उत्पन्न प्रकाश इतना तेज होता है कि यह रात के आसमान में एक नया तारा की तरह दिखाई देता है।
इस अद्वितीय खगोलीय घटना को देखने का अवसर जीवन में एक ही बार मिलता है। इसलिए, खगोल प्रेमियों के लिए यह एक अनमोल क्षण होगा। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि T Coronae Borealis नामक इस तारा सिस्टम में हर 80 साल में एक बार ऐसा विस्फोट होता है, और इस बार यह घटना सितंबर तक हो सकती है।इस नोवा विस्फोट के दौरान, आप रात के आसमान में एक चमकदार तारा देख सकते हैं, जो पहले नहीं था। यह विस्फोट धरती से किसी भी खतरे का कारण नहीं बनेगा, क्योंकि यह हमसे बहुत दूर है। लेकिन यह अवश्य ही एक अद्भुत दृश्य प्रदान करेगा जिसे देखने के लिए खगोलशास्त्री और आम जनता दोनों ही उत्सुक हैं।
ब्रह्मांड के विस्तार में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। खगोलविदों की नजरें टिकी हैं आसमान पर, जहाँ एक दुर्लभ घटना घटित होने वाली है। नासा के अनुसार, एक नोवा विस्फोट के साथ एक नया तारा जन्म लेने वाला है, जो सदी में मात्र एक बार देखने को मिलता है।
यह विस्फोट आकाशगंगा के कोरोना बोरेलिस तारामंडल में होगा, जो बूटेस और हरक्यूलिस तारामंडल के बीच स्थित है। इस घटना को नोवा कहा जाता है, जो एक बौने तारे में अचानक और संक्षिप्त विस्फोट से उत्पन्न होती है। इस विस्फोट के बाद, तारा अपनी चमक बिखेरने लगता है और रात के आसमान में एक नया सितारा के रूप में दिखाई देता है।
क्या है नोवा और सुपर नोवा विस्फोट?
नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंडर में नोवा घटनाओं की एक्सपर्ट डॉ. रेबेका हाउंसेल ने इसके बारे में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि आम तौर पर हम जीवन काल में बार-बार विस्फोट नहीं देख पाते हैं. इसके अलावा ऐसा कम ही होता है जब हम अपने सिस्टम के पास विस्फोट होता देखते है. ऐसे में सितंबर के पहले होना वाला विस्फोट अविश्वसनीय रूप से रोमांचक है. जब किसी भयंकर विस्फोट के साथ तारे की मौत होती है तो उसे सुपर नोवा कहा जाता है. दूसरी तरफ किसी खत्म हो चुके तारे में जब अचानक विस्फोट होता है तो उसे नोवा कहा जाता है. इस क्रिया में जिस तारे का जन्म होता है उसे बौना तारा कहा जाता है, जो हमेशा बना रहता है.
सूर्य में भी होगा विस्फोट
नासा के मुताबिक, नोवा विस्फोट टी कोरोना बोरेलिस में होने वाला है. इस घटना में एक मृत बौना तारा और एक विशालकाय बूढ़ा लाल तारा शामिल है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, लाल तारे का जन्म तब होता है जब तारे परमाणु संलयन के लिए हाइड्रोजन की अपनी आपूर्ति समाप्त कर देते हैं और मरने लगते हैं. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह प्रक्रिया सभी तारों के साथ होती है और 5 या 6 अरब वर्षों में सूर्य भी एक विशालकाय बूढ़े तारे में तब्दील हो जाएगा.