
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित सिलक्यारा सुरंग का बुधवार को ऐतिहासिक ब्रेकथ्रू हुआ। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में इस बहुप्रतीक्षित सुरंग का अंतिम चरण पूरा हुआ, और इसी दौरान उन्होंने ऐलान किया कि अब यह सुरंग ‘बाबा बौखनाग टनल’ के नाम से जानी जाएगी।
चारधाम यात्रियों को मिलेगा बड़ा फायदा
लगभग 1384 करोड़ रुपये की लागत से बनी 4.531 किमी लंबी डबल लेन सुरंग अब चारधाम यात्रियों के लिए वरदान साबित होगी। इससे गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 25 किमी तक घट जाएगी। जहां पहले यह दूरी तय करने में डेढ़ से दो घंटे लगते थे, अब वही सफर मात्र 5 से 10 मिनट में पूरा हो जाएगा।
41 जिंदगियों की यादगार सुरंग
यह सुरंग सिर्फ एक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि मानव साहस और उम्मीद की मिसाल भी है। 2023 में इसी सुरंग में 41 मजदूर 17 दिनों तक फंसे रहे थे। तमाम रेस्क्यू प्रयासों के बाद सभी को सकुशल बाहर निकाला गया। आज जब सुरंग का ब्रेकथ्रू हुआ, तो वो संघर्ष और विजय की गवाही दे रहा था।

बाबा बौखनाग से मन्नत और मंदिर निर्माण
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उन्होंने बाबा बौखनाग से मन्नत मांगी थी और मंदिर निर्माण का संकल्प लिया था। आज जब वह संकल्प पूरा हुआ, तो उन्होंने बाबा बौखनाग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया।
सीएम की बड़ी घोषणाएं:
- सिलक्यारा सुरंग का नाम अब बाबा बौखनाग टनल होगा।
- गेंवला-ब्रह्मखाल का प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनेगा।
- बौखनाग टिब्बा को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।
- स्यालना के पास हेलीपैड का निर्माण किया जाएगा।
जनता और जनसेवा को समर्पित
मुख्यमंत्री ने सुरंग निर्माण और रेस्क्यू से जुड़े हर श्रमिक, विशेषज्ञ, NDRF, SDRF, और रैट माइनर्स का आभार प्रकट किया और इसे मानवता की विजय बताया।