
नई दिल्ली: भारत और यूनाइटेड किंगडम ने एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए हैं, जो दोनों देशों के लिए आर्थिक विकास और समृद्धि के एक नए युग की शुरुआत कर रहा है। यह महत्वपूर्ण समझौता द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देगा, रोजगार के अवसर पैदा करेगा और उपभोक्ताओं के लिए उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला को और अधिक किफायती बना देगा।
यह सौदा, जो ब्रेक्सिट के बाद ब्रिटेन के लिए सबसे महत्वपूर्ण और एक यूरोपीय देश के साथ भारत का पहला व्यापक मुक्त व्यापार समझौता है, दोनों देशों के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। उम्मीद है कि इस समझौते से द्विपक्षीय व्यापार में सालाना 34 अरब डॉलर की वृद्धि होगी।
भारत के लिए प्रमुख लाभ:
इस समझौते से भारतीय व्यवसायों और उपभोक्ताओं को काफी लाभ होने की उम्मीद है। ब्रिटेन में भारतीय निर्यातों पर लगभग 99% टैरिफ समाप्त हो जाएगा, जिससे कपड़ा, चमड़े के सामान, आभूषण और अन्य श्रम-गहन क्षेत्रों के लिए एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा। इससे भारतीय उत्पादों को ब्रिटिश बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बनने में मदद मिलेगी। साथ ही, योग प्रशिक्षकों और शेफ जैसे पेशेवरों को ब्रिटेन में नए अवसर मिलेंगे।
ब्रिटेन के लिए फायदे:
ब्रिटिश व्यवसायों को भी भारत के विशाल बाजार तक बेहतर पहुंच प्राप्त होगी। समझौते के तहत, भारत में ब्रिटिश उत्पादों पर औसत टैरिफ 15% से घटकर मात्र 3% हो जाएगा। इससे स्कॉच व्हिस्की, ऑटोमोबाइल, चॉकलेट और चिकित्सा उपकरणों जैसे प्रमुख ब्रिटिश निर्यातों को लाभ होगा। व्हिस्की पर लगने वाला 150% का भारी टैरिफ घटाकर आधा कर दिया जाएगा, जिससे दुनिया के सबसे बड़े व्हिस्की बाजार में ब्रिटिश डिस्टिलर्स को काफी फायदा होगा।
‘यूके-इंडिया विजन 2035’: भविष्य की साझेदारी
व्यापार समझौते के साथ-साथ, दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने ‘यूके-इंडिया विजन 2035’ का भी अनावरण किया। यह महत्वाकांक्षी रोडमैप रक्षा, जलवायु, शिक्षा और नवाचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने का मार्ग प्रशस्त करता है, जो आने वाले दशक के लिए एक मजबूत और अधिक गतिशील साझेदारी का संकेत देता है।
यह ऐतिहासिक समझौता सिर्फ आंकड़ों से परे है; यह साझा मूल्यों और भविष्य के लिए एक आम दृष्टिकोण पर बनी एक स्थायी साझेदारी का प्रतीक है, जिससे दोनों देशों के नागरिकों के लिए उज्जवल भविष्य का वादा किया गया है।