
मसूरी: उत्तराखंड भाजपा नेताओं की हालिया दिल्ली बैठक के बाद प्रदेश की राजनीति में अटकलों का बाजार गर्म है। इन अटकलों को कैबिनेट विस्तार से लेकर पार्टी के भीतर गुटबाजी तक से जोड़ा जा रहा है। इस सियासी हलचल के बीच, कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व का पुरजोर बचाव करते हुए विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा है।
गुरुवार को अपने विधानसभा क्षेत्र मसूरी में बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे गणेश जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उत्तराखंड में किसी के भी मुख्यमंत्री बनते ही उसकी कुर्सी हिलाने की बातें शुरू हो जाती हैं।हालांकि, उन्होंने जोर देकर कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार पूरी तरह से स्थिर और मजबूत है।उन्होंने सरकार के ऐतिहासिक फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि नकल विरोधी और धर्मांतरण जैसे कड़े कानून लाए गए हैं और उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने वाला पहला राज्य है।
दिल्ली बैठक और कैबिनेट विस्तार की अटकलें
हाल ही में दिल्ली में उत्तराखंड भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक हुई थी, जिसमें मुख्यमंत्री धामी और प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी शामिल हुए थे। इस बैठक के बाद से ही धामी मंत्रिमंडल में विस्तार की संभावनाओं ने जोर पकड़ लिया है। सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडल में पांच पद रिक्त हैं और लोकसभा क्षेत्रों के आधार पर प्रतिनिधित्व को संतुलित करने का प्रयास किया जा सकता है। इन चर्चाओं ने राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ा दी है और कई विधायक मंत्री पद की उम्मीद में सक्रिय हो गए हैं।
आपदा और कानून-व्यवस्था पर कांग्रेस को घेरा
आपदा और कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर कांग्रेस द्वारा सरकार को घेरने के प्रयासों पर भी कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने पलटवार किया। उन्होंने 2013 की केदारनाथ आपदा का जिक्र करते हुए तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा और कहा कि उस समय की सरकार तीन दिन तक सोई रही थी, जबकि आज धामी सरकार किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत कार्रवाई करती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामી खुद थराली, धराली और पौड़ी जैसी आपदा प्रभावित जगहों पर पहुंचे और राहत कार्यों की निगरानी की। जोशी ने विपक्ष पर केवल बयानबाजी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उनके पास न तो कोई ठोस योजना है और न ही जनता का भरोसा।
गैरसैंण सत्र पर विपक्ष की भूमिका पर उठाए सवाल
गणेश जोशी ने हाल ही में संपन्न हुए गैरसैंण मानसून सत्र को लेकर भी विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने सदन में रचनात्मक चर्चा करने के बजाय केवल हंगामा किया और निराधार आरोप लगाए, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया कमजोर होती है। जोशी के अनुसार, इस तरह के व्यवहार से जनता का विश्वास भी उठता है।