
Dehradun:चैत्र पूर्णिमा का दिन, जो कि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार वर्ष की पहली पूर्णिमा होती है, धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन, लोग दान-पुण्य करके अपने जीवन में आर्थिक स्थिरता और समृद्धि की कामना करते हैं।
इस वर्ष, चैत्र पूर्णिमा 23 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। इस शुभ अवसर पर, ज्योतिष और धर्म शास्त्रों के अनुसार, कुछ विशेष चीजों का दान करने से व्यक्ति के धन-धान्य में वृद्धि होती है। आइए जानते हैं कि इस दिन क्या दान करना चाहिए:
चैत्र पूर्णिमा के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन किन चीजों का दान करना चाहिए, चलिए जानते हैं:
- चांदी का दान: चन्द्रमा की शुभ धातु चांदी मानी जाती है। चैत्र पूर्णिमा पर आप चाहें तो अपनी क्षमता के अनुसार चांदी का दान कर सकते हैं.
- दूध और दही का दान: ये दोनों वस्तुएं भी चंद्रमा से संबंधित मानी जाती हैं। चैत्र पूर्णिमा पर स्नान के बाद आप दूध, दही, शंख आदि का दान कर सकते हैं.
- सफेद वस्त्र का दान: चैत्र पूर्णिमा के दिन आप सफेद कपड़ों को ब्राह्म्ण और गरीबों को दान कर सकते हैं1.
- चावल दान: चैत्र पूर्णिमा के दिन पवित्र स्नान करने के बाद आप चावल का दान कर सकते हैं1.
- सफेद फूल: चैत्र पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा करते समय सफेद फूलों का प्रयोग करें1.
- अन्न दान: अन्न का दान करने से न केवल आपके घर में भोजन की कमी नहीं होती, बल्कि यह आपके धन को भी बढ़ाता है।
- वस्त्र दान: नए वस्त्रों का दान करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- धन दान: धन का दान करने से आपके पास धन का आगमन होता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- फल दान: विभिन्न प्रकार के फलों का दान करने से आपके स्वास्थ्य में सुधार होता है और आपकी आयु बढ़ती है।
- गौ दान: गाय का दान करने से आपके पाप कम होते हैं और धर्म की प्राप्ति होती है।
इस प्रकार, चैत्र पूर्णिमा के दिन इन चीजों का दान करके आप अपने जीवन में धनवान बनने की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठा सकते हैं। यह न केवल आपको आर्थिक लाभ पहुंचाएगा, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति भी लाएगा।
चैत्र पूर्णिमा: विशेष पूजा का समय
इस साल, चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि 23 अप्रैल को सुबह 3:25 बजे शुरू होगी। यह तिथि अगले दिन, 24 अप्रैल को सुबह 05:18 बजे समाप्त होगी।
उदया तिथि के अनुसार, चैत्र पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान 23 अप्रैल को किया जाएगा। यदि आप किसी तरह की विशेष पूजा करना चाहते हैं, तो आपको इसे 23 अप्रैल को ही करना चाहिए।
चैत्र पूर्णिमा 2023: महत्व
चैत्र पूर्णिमा का हिंदुओं में बहुत महत्व है। लोग भगवान विष्णु की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं। इसके अलावा, इस शुभ दिन पर, अधिकांश भक्त गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने के लिए पवित्र स्थानों पर जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन गंगा नदी में पवित्र डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
इस साल चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती भी मनाई जाने वाली है। ऐसा माना जाता है कि इस शुभ दिन पर भगवान कृष्ण ने राधा और अन्य गोपियों के साथ बृज में रास किया था। इसे रास लीला के नाम से भी जाना जाता है। भगवान श्री कृष्ण ने अपनी दिव्य शक्ति (योगमाया) का उपयोग करके उनमें से प्रत्येक के साथ पूरी रात नृत्य किया। यह दिन मथुरा और बृज में बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। कृष्ण और राधा रासलीला सर्वोच्च आत्मा के साथ आत्मा की एकता का प्रतिनिधित्व करते हैं। यह दिन मथुरा, वृंदावन, बृज और अन्य प्रमुख स्थानों में मनाया जाता है और विशेष पूजा और भोग का आयोजन किया जाता है।
पूर्णिमा के इस शुभ दिन पर भक्तों को भगवान कृष्ण या भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाना चाहिए और ऐसा माना जाता है कि जो भगवान विष्णु की भक्ति और समर्पण के साथ पूजा करता है, भगवान विष्णु अपने भक्तों को मनोकामना पूरी करते हैं।
चैत्र पूर्णिमा का दिन धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, और इसे भारत के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न तरीकों से मनाया जाता है। इस दिन की पूजा और उपास्य करने से मान्यता है कि इससे धन, स्वास्थ्य और सुख-शांति मिलती है।
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