
चमोली/थराली: उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने चमोली जिले में एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है। जिले के कर्णप्रयाग तहसील के सेमी ग्वाड और सगवाड़ा गांव में भूधंसाव की घटनाओं ने ग्रामीणों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है।जमीन धंसने से पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं और कई मकानों में दरारें आ गई हैं, जिसके चलते प्रशासन ने सगवाड़ा गांव के 15 परिवारों को एहतियातन सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट कर दिया है।
लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे भूधंसाव की समस्या और गंभीर हो गई है।सगवाड़ा गांव में बुधवार देर रात हुई मूसलाधार बारिश के बाद जगत पाल सिंह बिष्ट का एक मकान भूस्खलन की चपेट में आकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया।गनीमत यह रही कि उनका परिवार उस समय घर पर मौजूद नहीं था, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।एसडीएम पंकज भट्ट ने जानकारी दी कि एक मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है, जबकि एक अन्य भवन को भी असुरक्षित घोषित कर दिया गया है।दोनों ही मकान खाली थे, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई।
वहीं, सेमी ग्वाड गांव में भी भूधंसाव के कारण स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। यहां पैदल रास्ते धंस गए हैं और कई घरों में दरारें उभर आई हैं।इसके अलावा, गांव के कई पौराणिक जल स्रोत भी भूधंसाव की चपेट में आ गए हैं, जिससे क्षेत्र में पेयजल संकट का खतरा भी मंडराने लगा है।
राड़ी गांव में भी घांघली गदेरे के उफान पर होने से कई मकानों पर खतरा मंडरा रहा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि उनके घर नीचे से खोखले हो चुके हैं और कभी भी ढह सकते हैं।
गौरतलब है कि यह क्षेत्र पहले भी आपदा का दंश झेल चुका है। 22 अगस्त को सगवाड़ा गांव में ही एक मकान ढहने से एक युवती की जान चली गई थी। प्रशासन स्थिति पर नजर बनाए हुए है और प्रभावित परिवारों को पंचायत भवन व अन्य सुरक्षित स्थानों पर ठहराया गया है।