स्वास्थ्य सचिव डाॅ. आर. राजेश कुमार ने कहा, चारधाम यात्रा में देश दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं की आस्था, श्रद्धा के साथ सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। कहा, यात्रा में अब तक पांच लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य स्क्रीनिंग की गई।

देहरादून।
चारधाम यात्रा 2025 के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सरकार ने अब तक 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य जांच की है। स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्ग पर सेवाओं को त्रिस्तरीय स्तर पर मजबूत किया है।
स्वास्थ्य सचिव ने बताया, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर विभाग ने यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर व्यवस्था की है। यात्रा में हर साल श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। इनमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग, हृदय व सांस रोगियों के अलावा पहाड़ी क्षेत्र में पहली बार आने वाले लोग भी होते हैं। इनके लिए उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ठंड और ऑक्सीजन की कमी स्वास्थ्य संबंधी गंभीर जोखिम बन सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए इस बार स्वास्थ्य सेवाओं को त्रिस्तरीय स्तर पर सशक्त बनाया गया है।
49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट सक्रिय
इस वर्ष रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में 49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट (MRP) चालू किए गए हैं। हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी जैसे प्रवेश द्वारों पर भी सुविधाएं बेहतर की गई हैं। यात्रियों की शुरुआती जांच के लिए 57 स्क्रीनिंग कियोस्क लगाए गए हैं, जिनमें हरिद्वार, ऋषिकेश, विकासनगर और कालियासौड़ (पौड़ी) शामिल हैं।
केदारनाथ में 17 बेड का अस्पताल शुरू
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए केदारनाथ धाम में इस बार 17 बेड वाला अस्पताल संचालित किया गया है। यात्रा मार्ग पर 31 विशेषज्ञ डॉक्टर, 200 मेडिकल ऑफिसर और 381 पैरामेडिकल स्टाफ तैनात हैं। इनमें राज्य स्वास्थ्य सेवा के 47, केंद्र सरकार के 13 और निजी मेडिकल कॉलेजों के 5 विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल हैं।
369 श्रद्धालु एंबुलेंस से और 33 हेलीकॉप्टर से किए गए रेफर
स्वास्थ्य स्क्रीनिंग में हाई ब्लड प्रेशर, सांस की तकलीफ और अन्य समस्याएं सामने आई हैं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब तक 29 श्रद्धालुओं को यात्रा से रोककर घर लौटने की सलाह दी गई है। 369 श्रद्धालुओं को एंबुलेंस से और 33 को हेली एंबुलेंस सेवा के जरिए इलाज के लिए रेफर किया गया।
यात्रा मार्गों पर 49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र
रुद्रप्रयाग, चमोली व उत्तरकाशी जिले में इस बार 49 स्थायी स्वास्थ्य केंद्र और 20 मेडिकल रिलीफ पोस्ट (एमआरपी) को सक्रिय किया गया है। इसके अलावा हरिद्वार, देहरादून, टिहरी और पौड़ी में भी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत किया गया। यात्रा प्रारंभ वाले स्थानों पर 57 स्क्रीनिंग कियोस्क लगाए गए हैं। हरिद्वार, ऋषिकेश में दो-दो, विकासनगर में दो और पौड़ी के कालियासौड़ में एक नया स्क्रीनिंग सेंटर जोड़ा गया है।
29 श्रद्धालुओं को यात्रा न करने की दी सलाह
अब तक की गई स्क्रीनिंग में कई श्रद्धालु हाई ब्लड प्रेशर, सांस संबंधी समस्याएं या अन्य स्वास्थ्य स्थितियों से ग्रस्त पाए गए हैं। 29 श्रद्धालुओं को आगे यात्रा न करने की सलाह देकर उन्हें सुरक्षा के दृष्टि से वापस भेजा गया। 369 श्रद्धालुओं को एंबुलेंस से और 33 को हेली एंबुलेंस सेवा से रेफर कर इलाज के लिए भेजा गया।
ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल से रीयल टाइम निगरानी
श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य निगरानी के लिए “ई-स्वास्थ्य धाम पोर्टल” को सक्रिय किया गया है। चारधाम जिलों में 50 टैबलेट दिए गए हैं, जिससे सभी स्क्रीनिंग और मेडिकल पोस्ट पर डिजिटल डाटा संकलित हो रहा है। यात्रा मार्ग पर 154 एंबुलेंस तैनात कर दी गई हैं, जिससे किसी भी आपात स्थिति से तुरंत निपटा जा सके।