
देहरादून/उत्तरकाशी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को उत्तरकाशी जिले में अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जिले में, विशेषकर यमुनोत्री घाटी में, जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रभावितों तक तत्काल राहत पहुंचाने और बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं।
पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने उत्तरकाशी में भारी तबाही मचाई है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलाई बैंड, ओजारी और स्यानाचट्टी जैसे स्थानों पर भूस्खलन से भारी नुकसान हुआ है।बड़कोट के सिलाई बैंड में एक भूस्खलन की चपेट में मजदूरों का एक कैंप आ गया, जिसमें दो मजदूरों के शव बरामद हुए हैं और सात अभी भी लापता हैं। बारिश के कारण कई सड़कें बह गई हैं, दर्जनों घरों में मलबा घुस गया है और किसानों की सेब की फसलें तबाह हो गई हैं। जखोल, पांव और सुनकुड़ी जैसे गांवों में भी भारी नुकसान की खबर है।
हवाई सर्वेक्षण के दौरान मुख्यमंत्री धामी के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट भी मौजूद थे।मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति का आकलन करने के बाद राहत और बचाव कार्यों की फिर से समीक्षा करने की बात कही।उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार इस आपदा की घड़ी में प्रत्येक प्रभावित नागरिक के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “सरकार द्वारा राहत कार्यों में तेजी व प्रभावशीलता लाई गई है ताकि जरूरतमंद लोगों को समय पर मदद मिल सके।”उन्होंने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे राहत और बचाव कार्यों की सराहना की। प्रशासन की ओर से ओजरी के पास एक बैलीब्रिज का निर्माण कार्य भी किया जा रहा है ताकि यातायात को सुचारू किया जा सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को विस्थापित परिवारों के लिए पर्याप्त आश्रय, भोजन, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक आपूर्तियाँ सुनिश्चित करने के कड़े निर्देश दिए हैं।उन्होंने नुकसान का विस्तृत आकलन कर तत्काल आगे की कार्रवाई करने को भी कहा है।