
देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) पेपर लीक मामले में छात्रों के भविष्य को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार विशेष जांच दल (एसआईटी) की रिपोर्ट के आधार पर छात्र हित में कोई भी निर्णय लेने से पीछे नहीं हटेगी। उन्होंने छात्रों को विश्वास दिलाया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा और इस मामले में निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
मुख्यमंत्री धामी ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार छात्रों के भविष्य को लेकर पूरी तरह से संवेदनशील है और उनकी मेहनत को बेकार नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार युवाओं के सपनों और आकांक्षाओं के साथ खड़ी है। एसआईटी का गठन कर दिया गया है और जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर छात्रों के हित में ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा।”
सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में एसआईटी का गठन किया है, जिसे एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। इस कदम का उद्देश्य पूरी जांच प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करना है।
इस मामले में मुख्य आरोपी और उसकी बहन सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और एसआईटी लगातार उनसे पूछताछ कर रही है। प्रशासन ने मुख्य आरोपी की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चलाकर यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह के अपराधों में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि कुछ लोग इस मुद्दे का राजनीतिकरण कर छात्रों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने छात्रों से अपील की है कि वे किसी के बहकावे में न आएं और सरकार की जांच पर भरोसा रखें। उन्होंने कहा कि सरकार नकल माफिया के खिलाफ एक मजबूत तंत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
सरकार के इस निर्णायक और छात्र-केंद्रित दृष्टिकोण ने युवाओं में एक नई उम्मीद जगाई है। छात्रों और अभिभावकों ने मुख्यमंत्री के इस आश्वासन का स्वागत किया है कि जांच के निष्कर्षों के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी निर्दोष छात्र का अहित न हो।