रामनगर। विश्व प्रसिद्ध कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दौरे के दौरान उनकी सुरक्षा में एक बड़ी और गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। छह जुलाई को सीएम धामी ने जिस सरकारी जिप्सी (संख्या UK 19 GA 0067) से ढेला, झिरना और फाटो जोन का निरीक्षण किया, उसकी फिटनेस पांच साल पहले यानी 2020 में ही समाप्त हो चुकी थी।इस चूक के उजागर होते ही पार्क प्रशासन से लेकर शासन तक हड़कंप मच गया और आनन-फानन में मामले की जांच बैठा दी गई।
इस मामले में प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए तीन कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई है। जिप्सी के चालक मोहम्मद उमर पर विभागीय कार्रवाई की गई है, जबकि स्टोर कीपर इरशाद और पंकज के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी गई है।
क्या है पूरा मामला?
छह जुलाई को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कॉर्बेट पार्क के भ्रमण पर थे।इस दौरान उन्होंने पार्क के विभिन्न जोनों का निरीक्षण करने के लिए पार्क की जिप्सी का इस्तेमाल किया। लेकिन बाद में यह खुलासा हुआ कि जिस वाहन में मुख्यमंत्री को सफारी कराई गई, वह पिछले पांच वर्षों से बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के ही चल रहा था। यह न केवल यातायात नियमों का उल्लंघन है, बल्कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा के साथ एक गंभीर खिलवाड़ भी है।
जांच और कार्रवाई
मामला सामने आते ही वन मंत्री सुबोध उनियाल ने इसे गंभीर चूक मानते हुए तत्काल जांच के आदेश दिए। कॉर्बेट पार्क के निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने बताया कि मामले की जांच डिप्टी डायरेक्टर राहुल मिश्रा को सौंपी गई थी। जांच में यह बात सामने आई कि वाहन के दस्तावेजों के रखरखाव की जिम्मेदारी चालक मोहम्मद उमर और स्टोर कीपर इरशाद व पंकज की थी, जिन्होंने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया।
निदेशक बडोला ने यह भी बताया कि मामला सामने आने के बाद क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (एआरटीओ) से जिप्सी की तकनीकी जांच कराई गई, जिसमें वाहन फिट पाया गया। इसके बाद मंगलवार को वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया जो अब 2027 तक वैध है। हालांकि, वाहन का तकनीकी रूप से फिट होना अधिकारियों की लापरवाही को कम नहीं करता।
इस घटना ने कॉर्बेट प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस लापरवाही के बाद अब वन विभाग पार्क के अन्य वाहनों की फिटनेस की भी दोबारा समीक्षा कर रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो।
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