
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति को दोहराते हुए कहा है कि प्रदेश में किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जो भी इसमें लिप्त पाया जाएगा, वह सलाखों के पीछे होगा।सोमवार को सचिवालय में “सतर्कता हमारी साझा जिम्मेदारी” थीम पर आधारित एक जन जागरूकता कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री ने यह बात कही।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य गठन के बाद से सतर्कता विभाग ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 339 भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में ही 78 भ्रष्टाचारियों के साथ-साथ अन्य मामलों में 27 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।
9 नवंबर तक चलेगा जागरूकता अभियान
यह प्रदेशव्यापी जन जागरूकता कार्यक्रम राज्य स्थापना दिवस यानी 9 नवंबर तक चलाया जाएगा। कार्यक्रम के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को सत्यनिष्ठा की प्रतिज्ञा भी दिलाई। उन्होंने लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मरण करते हुए कहा कि उनका जीवन भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित था और उन्हीं के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में यह जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भ्रष्टाचार मुक्त भारत के संकल्प का जिक्र करते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में देश में एक नई कार्य संस्कृति विकसित हुई है, जो पारदर्शी और उत्तरदायी है।
टोल फ्री नंबर 1064 बना बड़ा हथियार
राज्य में भ्रष्टाचार पर लगाम कसने के लिए संचालित टोल फ्री नंबर 1064 एक प्रभावी हथियार साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने बताया कि इस नंबर के माध्यम से बीते तीन वर्षों में लगभग दस हजार शिकायतें दर्ज की गईं।इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए 62 मामलों में ट्रैप लगाया गया और चार में खुली जांच की गई।
इस अवसर पर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कहा कि समाज और प्रशासन की मजबूती के लिए सभी कर्मचारियों का सत्यनिष्ठ, ईमानदार और अनुशासित होना आवश्यक है। कार्यक्रम में डीजीपी दीपम सेठ, प्रमुख सचिव एल. फैनई, और निदेशक सतर्कता वी. मुरूगेशन समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
