वरुणावत पर्वत पर होने वाली हर हलचल की निगरानी के लिए स्थायी निगरानी यंत्र स्थापित किया जाएगा। जिला प्रशासन ने वरुणावत पर्वत पर 21 साल बाद दोबारा हुए भूस्खलन के बाद यहां स्थायी निगरानी यंत्र लगाने की तैयारी शुरू कर दी है।

देहरादून: उत्तरकाशी के वरुणावत पर्वत पर हर हलचल पर निगरानी रखने के लिए जल्द ही स्थायी निगरानी यंत्र स्थापित किया जाएगा। जिला प्रशासन ने 21 साल बाद दोबारा हुए भूस्खलन के बाद इस दिशा में कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। 27 अगस्त को हुए भूस्खलन के बाद यह निर्णय लिया गया है।
साल 2003 में वरुणावत पर्वत पर भारी भूस्खलन के बाद वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान द्वारा कुटेटी देवी क्षेत्र में एक निगरानी यंत्र स्थापित किया गया था, जो दो-तीन वर्षों तक पर्वत की हलचलों पर नजर रखता रहा। लेकिन, संस्थान ने बाद में इसे हटा लिया, यह कहते हुए कि सरकार अपने स्तर पर इस पर काम कर सकती है।
हालांकि, हालिया भूस्खलन के बाद प्रशासन ने स्थायी निगरानी यंत्र लगाने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने कहा है कि दीर्घकालीन उपाय के तहत इस योजना पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है, और इसके लिए वैज्ञानिकों से भी परामर्श लिया गया है। यंत्र को कुटेटी देवी क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा, ताकि चौबीसों घंटे पर्वत की हलचल पर नजर रखी जा सके।