
चमोली: उत्तराखंड में भारी बारिश और भूस्खलन से स्थिति गंभीर बनी हुई है। चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे और इसके वैकल्पिक मार्ग दोनों भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हो गए हैं। नंदप्रयाग से कोठियालसेन सड़क भूस्खलन से बंद हो गई है, जिससे आवाजाही में कठिनाई हो रही है। पार्थाडिप में बदरीनाथ हाईवे भी बंद है, जिससे यात्री फंसे हुए हैं। थराली और चेपड़ों के पास चीड़ के बड़े पेड़ों के गिरने से थराली-देवाल मार्ग 12 घंटे से बंद है, और इसे खोलने के प्रयास जेसीबी मशीन से भी सफल नहीं हो पा रहे हैं।
इसके अलावा, कर्णप्रयाग के पास चटवापीपल में भी बदरीनाथ हाईवे बंद है, जहाँ कई यात्री वाहन फंसे हुए हैं। यमुनोत्री हाईवे भी जगह-जगह मलबा और बोल्डरों के गिरने से बंद है, जिसके कारण स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं को काफी समय से इंतजार करना पड़ रहा है। यमुना घाटी का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है।
उत्तरकाशी में पिछले कुछ दिनों से हो रही रुक-रुककर बारिश से तापमान में गिरावट आई है, और ठंड ने एक महीने पहले ही दस्तक दे दी है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है।
मसूरी में भी लोगों के सामने मुश्किल-

मसूरी में भूस्खलन के कारण लंढौर-टिहरी मार्ग वुडस्टॉक स्कूल के पास बंद हो गया है, जिससे आवागमन बाधित हो गया है। इस क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के चलते भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं, जिससे सड़कें बंद हो रही हैं और लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
कुमाऊं क्षेत्र के कुछ जिलों के लिए भी मौसम विज्ञान केंद्र ने बारिश का अलर्ट जारी
कुमाऊं क्षेत्र के कुछ जिलों के लिए भी मौसम विज्ञान केंद्र ने बारिश का अलर्ट जारी किया है। इसके तहत, इन जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है, जिससे भूस्खलन और बाढ़ जैसी आपदाओं का खतरा बना हुआ है। स्थानीय प्रशासन द्वारा लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
नैनीताल, चंपावत, और ऊधमसिंह नगर जिलों के कुछ हिस्सों में मौसम विज्ञान केंद्र ने गर्जन के साथ भारी से बहुत भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में संभावित बारिश से जलभराव, भूस्खलन और अन्य आपदाओं का खतरा बढ़ सकता है, जिससे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।इसके साथ ही, उत्तरकाशी, चमोली, और बागेश्वर जिलों में आज भी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे।
बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन (अवदाब) सिस्टम के कारण उत्तराखंड के मौसम में अचानक बदलाव आया है। इस प्रणाली के प्रभाव से राज्य में पिछले दो दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है। इस सिस्टम की वजह से पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन और सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं, जबकि निचले इलाकों में जलभराव और बाढ़ की स्थिति बनी हुई है। मौसम में अचानक हुए इस परिवर्तन ने स्थानीय लोगों और यात्रियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं, और आपदा प्रबंधन टीमें सतर्क हैं।
पिछले दो दिनों के दौरान उत्तराखंड में लगातार बारिश के कारण अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। देहरादून में शुक्रवार को अधिकतम तापमान सामान्य से पाँच डिग्री कम होकर 24.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इससे पहले गुरुवार को भी अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री कम, यानी 27 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। हालांकि, इन दोनों दिनों के दौरान रात के तापमान में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया, जिससे रात का मौसम सामान्य बना रहा। यह गिरावट बारिश और बंगाल की खाड़ी में बने डिप्रेशन के कारण आई है।