उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने हाल ही में मसूरी की लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएनएए) का दौरा किया। इस दौरान, उन्होंने युवा अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें समाज में एक उदाहरण पेश करने के लिए प्रेरित किया। उपराष्ट्रपति ने युवा अधिकारियों को अपने कार्यों के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने और नेतृत्व व प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता की ओर अग्रसर होने का संदेश दिया
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मसूरी:मसूरी की प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएनएए) में आज एक विशेष दिन था, जब देश के उपराष्ट्रपति ने अकादमी का दौरा किया। उन्होंने यहां पर युवा अधिकारियों से मुलाकात की और उन्हें समाज में उच्च मानकों का उदाहरण पेश करने की प्रेरणा दी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि अधिकारियों को अपने कार्यों के माध्यम से समाज में एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करना चाहिए और युवा पीढ़ी के लिए एक आदर्श बनना चाहिए। उन्होंने युवा अधिकारियों को नेतृत्व और प्रबंधन के क्षेत्र में नवाचार और उत्कृष्टता की ओर अग्रसर होने का आह्वान किया।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि युवा अधिकारी समानुभूति की भावना के साथ काम करने के लिए प्रेरित होने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी उत्कृष्टता, सत्यनिष्ठा, और सार्वजनिक सेवा के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने यह भी जोर दिया कि वे आप में भारत को परिभाषित करने की क्षमता देखते हैं, और उन्हें विश्वास है कि आप 2047 तक विकसित भारत बनाने में सक्षम हैं। उन्होंने आप सभी से आशा की है कि आप भारत की इस विकास यात्रा को बनाए रखेंगे और इसमें अपना योगदान देंगे।
उपराष्ट्रपति ने अपने बचपन की यादों को साझा करते हुए बताया कि कैसे उनकी पीढ़ी ने एक ऐसे भारत का अनुभव किया जहां बुनियादी सुविधाएँ नहीं थीं। उन्होंने उस समय के गांवों का वर्णन किया जहां बिजली, सड़क संपर्क, पानी की उपलब्धता, घर में शौचालय और गैस कनेक्शन जैसी सुविधाएँ नहीं थीं। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा के अवसर भी सीमित थे, जहां गांवों में केवल प्राइमरी स्कूल होते थे। इसके बाद उन्होंने वर्तमान भारत की प्रगति की ओर इशारा किया और यह दर्शाया कि देश ने कितनी दूरी तय की है।
उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने अपने गांव की मिट्टी से जुड़े अपने अनुभवों को साझा करते हुए एक भावुक क्षण में बताया कि वे एक किसान के बेटे हैं। उन्होंने अपने गांव से निकलकर देश की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया है। उन्होंने याद किया कि कैसे वे बाहर कदम रखने वाली पहली पीढ़ी थे और उन्होंने अपने जीवन में जो ऊंचाइयां हासिल की हैं, उसकी कल्पना भी उन्होंने 30 साल पहले नहीं की थी। जब वे मंत्री और संसद के सदस्य बने, तब उन्होंने अपने गांव और देश के लिए बड़े सपने देखे थे। उनकी यह कहानी न केवल उनके निजी संघर्ष की गाथा है, बल्कि यह भारतीय ग्रामीण जीवन की उन्नति और संभावनाओं का भी प्रतीक है।
सीएए: भारतीय नागरिकता की सुरक्षा
समाचार: उपराष्ट्रपति ने सीएए (नागरिकता संशोधन अधिनियम) के बारे में चल रही भ्रांतियों और गलत सूचनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने स्पष्ट किया कि सीएए का उद्देश्य किसी भी भारतीय नागरिक की नागरिकता छीनना नहीं है और न ही यह किसी को नागरिकता के लिए आवेदन करने से रोकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि सीएए के तहत नागरिकता के अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शी और समावेशी है, और इसका उद्देश्य उन लोगों को नागरिकता प्रदान करना है जो धार्मिक उत्पीड़न के शिकार हैं।