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देहरादून:प्रदेश में 270 केंद्रों में गेहूं की खरीद शुरू, गढ़वाल मंडल में 65 और कुमाऊं मंडल में 205 केंद्र बनाए गए। विभाग के अधिकारियों ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,275 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है।प्रदेश में इस बार गेहूं खरीद के लिए 50 हजार मीट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, गेहूं खरीद केंद्रों में एक अप्रैल से गेंहू की खरीद शुरू कर दी गई है।
गेहूं खरीद के लिए सरकार की ओर से न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,275 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया गया है, लेकिन बाजार में इससे अधिक दाम होने से गेहूं खरीद केंद्रों में किसान नहीं पहुंच रहे। देखने में आया है कि हर साल बहुत कम किसान केंद्रों में पहुंचते हैं।
गेहूं की खरीद केंद्रों में किसानों की पहुंच कम होने की वजहों को समझने में महत्वपूर्ण है। यह समस्या अनेक कारणों से उत्पन्न हो सकती है:
- दामों का अंतर: बाजार में गेहूं के दाम सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक हो सकते हैं। किसान अधिक दाम पर गेहूं बेचने की प्राथमिकता देते हैं, जिससे सरकारी केंद्रों में पहुंचने की संभावना कम होती है।
- केंद्रों की संख्या: किसानों के लिए गेहूं खरीद केंद्रों की संख्या भी महत्वपूर्ण है। अगर केंद्रों की संख्या कम हो, तो किसानों को अपने उत्पादों को बेचने के लिए दूर जाना पड़ता है, जिससे पहुंचने में कठिनाइयाँ आ सकती हैं।
- पंजीकरण प्रक्रिया: किसानों को गेहूं खरीद केंद्रों में पहुंचने के लिए पंजीकरण करवाना पड़ता है। अगर पंजीकरण प्रक्रिया में कोई समस्या हो, तो किसानों की पहुंच कम हो सकती है।
इस समस्या का समाधान करने के लिए सरकार को किसानों के लिए अधिक सुविधाएं प्रदान करने और गेहूं की खरीद केंद्रों की संख्या बढ़ाने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।