
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली से लौटने के बाद सचिवालय स्थित उनके कार्यालय में उनसे मिलने वाले विधायकों का तांता लग गया। भाजपा विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री धामी से मुलाकात की और छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए हाल ही में संपन्न हुई स्नातक स्तरीय उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) परीक्षा को निरस्त करने का आग्रह किया।
प्रतिनिधिमंडल ने रखी मांग:
मुख्यमंत्री से मिलने वाले विधायकों में खजान दास, दलीप सिंह रावत, विनोद कंडारी, बृज भूषण गैरोला, दुर्गेश्वर लाल, सुरेश चौहान, मोहन सिंह बिष्ट और रेणु बिष्ट शामिल थे। इन विधायकों ने मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें छात्र हित में स्नातक स्तरीय परीक्षा को निरस्त करने पर विचार करने का अनुरोध किया गया है।
सीबीआई जांच और नियुक्तियों पर जताया आभार:
विधायकों ने मुख्यमंत्री धामी का अब तक 25,300 से अधिक लोगों को सरकारी नियुक्तियां देने के लिए आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही उन्होंने पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच की घोषणा के लिए भी मुख्यमंत्री का धन्यवाद किया। विधायकों ने कहा कि जब पेपर लीक का मामला सामने आया, तो मुख्यमंत्री ने बड़ा मन करके छात्रों के बीच जाकर उनकी भावनाओं के अनुसार सीबीआई जांच की घोषणा की थी। उस समय भी मुख्यमंत्री ने विश्वास दिलाया था कि छात्रों के भविष्य को देखते हुए आगे जो भी कदम जरूरी होंगे, उन्हें उठाया जाएगा।
छात्रों के मन में न रहे कोई संदेह:
मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए विधायक खजान दास ने बताया कि सभी विधायकों ने एक स्वर में कहा कि छात्र प्रदेश और देश का भविष्य हैं, और हम सबकी इच्छा है कि उनके मन में किसी भी तरह की शंका न रहे, इसलिए पूर्व में संपन्न हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा को निरस्त किया जाए।
विधायकों ने यह भी बताया कि इससे पूर्व भी परीक्षा में हुई नकल प्रकरण की एसआईटी जांच की संस्तुति की गई है, ताकि गड़बड़ी करने वालों और जिम्मेदार लोगों को सामने लाया जा सके। लेकिन, एक भी छात्र के मन में परीक्षा की पारदर्शिता को लेकर किसी प्रकार का संदेह न हो, इसलिए मुख्यमंत्री द्वारा सीबीआई जांच की संस्तुति की गई है। विधायकों का मानना है कि परीक्षा निरस्त करने से छात्रों का विश्वास बहाल होगा और भविष्य में होने वाली परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित हो सकेगी।
छात्रों की भावनाओं से कराया अवगत:
प्रतिनिधिमंडल में शामिल पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल ने बताया कि, “हमारे द्वारा मुख्यमंत्री का सीबीआई जांच के ऐतिहासिक निर्णय पर आभार व्यक्त किया गया। उन्होंने बताया कि हमारी अपने-अपने क्षेत्रों में परीक्षा देने वाले छात्रों और उनके परिजनों से बातचीत हुई है। जनप्रतिनिधि होने के नाते हमारे द्वारा छात्रों, युवाओं की भावनाओं से सरकार को अवगत कराया गया है। हम सबकी चिंता है कि तमाम छात्र जिन्होंने परीक्षा दी है, या फिर जो भविष्य में इनमें सफल होंगे, उनके प्रयासों को लेकर किसी तरह का संदेह उत्पन्न ना हो। इसलिए पार्टी की तरफ से छात्र हित में इस परीक्षा को निरस्त करने पर विचार करने का मुख्यमंत्री से अनुरोध किया गया है।”
इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान भी मौजूद रहे। इस मुलाकात के बाद से यह अटकलें तेज हो गई हैं कि मुख्यमंत्री धामी जल्द ही इस संबंध में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं, जिससे छात्रों की लंबित मांगों को पूरा किया जा सके।