
बीरोंखाल(पाैड़ी) :उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के 12 मजदूर पिछले काफी समय से बीरोंखाल के फरसाड़ी बाजार में रह रहे हैं। ये मजदूर लोक निर्माण विभाग की सड़कों के किनारे डेलीनेटर (सुरक्षा संकेतक) लगाने का काम कर रहे हैं। बृहस्पतिवार सुबह कुछ मजदूर पास के जंगल से मशरूम तोड़कर लाए। काम पर जाने से पहले आठ मजदूरों ने मशरूम की सब्जी और रोटी खाई। कुछ ही देर में मजदूरों को उल्टियां होने लगीं और पेट में दर्द की शिकायत हुई।
देखते ही देखते उनकी हालत बिगड़ने लगी। जिन्होंने मशरूम नहीं खाए थे, उन्होंने लोक निर्माण विभाग के बेलदार और ठेकेदार को सूचना दी। बेलदार मधुबन ने सभी मजदूरों को विभागीय वाहन से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बीरोंखाल पहुंचाया। प्रभारी चिकित्सक डॉ. शैलेंद्र रावत ने सभी मजदूरों को भर्ती कर उपचार शुरू किया। कई घंटों के उपचार के बाद मजदूरों की हालत में सुधार हुआ। डॉ. रावत ने बताया कि समय रहते उपचार मिलने से मजदूरों की जान बच गई और अब वे खतरे से बाहर हैं।
डॉ. शैलेंद्र रावत ने बताया कि जंगल में उगने वाली अधिकांश मशरूम जहरीली और खाने के लिए असुरक्षित होती हैं। कुछ मशरूम इतनी जहरीली होती हैं कि जान का खतरा भी हो सकता है, इसलिए इन्हें खाने से बचना चाहिए।