
देहरादून:उत्तराखंड में फायर सीजन के आरंभ होते ही जंगलों में आग की घटनाएं बढ़ गई हैं। देहरादून, पिथौरागढ़, नैनीताल सहित राज्य के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में जंगल धधक रहे हैं। आग की भीषणता इतनी अधिक है कि वायु सेना के हेलीकॉप्टरों को आग बुझाने के लिए उतारा गया है। 1 अप्रैल से 27 अप्रैल 2024 तक राज्य में 559 वनाग्नि की घटनाएं दर्ज की गईं, जिसमें 689 हेक्टेयर जंगल जलकर नष्ट हो गए।
हल्द्वानी फॉरेस्ट ट्रेनिंग अकादमी में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वनाग्नि की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए वन विभाग और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वनाग्नि की घटनाओं की जानकारी मांगी और इससे निपटने के लिए चर्चा की। मुख्यमंत्री ने वन विभाग से जुड़े लोगों की छुट्टियां रद्द करने के निर्देश दिए, ताकि वे जंगल में आग के प्रति 24 घंटे सतर्क रहें और त्वरित कार्रवाई कर सकें।
उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से निपटने के लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग और फायर ब्रिगेड समिति को सक्रिय रहने का आह्वान किया है। उन्होंने जोर दिया कि सभी राहत बचाव कार्य करने वाले विभाग अलर्ट रहें और सूचना तंत्र को मजबूत करें। इसके साथ ही, उन्होंने लोगों को जागरूक करने और उनकी सहभागिता प्राप्त करने की भी बात कही, ताकि वनाग्नि की घटनाओं से बेहतर ढंग से निपटा जा सके। इस प्रकार के सामूहिक प्रयासों से ही वनाग्नि की घटनाओं पर काबू पाना संभव है।
उत्तराखंड के वन मंत्री, सुबोध उनियाल ने देहरादून वन मुख्यालय में वनाग्नि की घटनाओं की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि आग बुझाने के लिए आवश्यक सभी इक्विपमेंट्स को तैयार रखा गया है और विभाग पूरी तरह से अलर्ट मोड में है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि जरूरत पड़ने पर सेना की मदद भी ली जा रही है और वनाग्नि से निपटने के लिए 3983 फायर वाचर्स को तैनात किया गया है। इसके अलावा, वनाग्नि से संबंधित सूचनाओं और त्वरित सहायता के लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किए गए हैं, ताकि आग की घटनाओं को तुरंत रिपोर्ट किया जा सके और उन पर कार्रवाई की जा सके।