कटरा: जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकूटा पहाड़ियों में स्थित पावन माता वैष्णो देवी मंदिर की प्राचीन प्राकृतिक गुफा को मकर संक्रांति उत्सव के अवसर पर मंगलवार को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। विशेष पूजा-अर्चना के बाद इस गुफा के द्वार खोले गए, जिसमें ‘श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशुल गर्ग भी शामिल हुए।
प्राचीन गुफा के खुलने का समय और विशेषता
मंदिर के गर्भगृह में स्थित यह प्राकृतिक गुफा हर साल सर्दियों के मौसम में ही श्रद्धालुओं के लिए खोली जाती है, जब भक्तों की भीड़ अपेक्षाकृत कम होती है। यह गुफा सुरक्षा कारणों से साल के अधिकांश समय बंद रहती है।
गुफा को लेकर खास नियम हैं:
- 10,000 से कम श्रद्धालुओं की संख्या होने पर ही इसे खोला जाता है।
- आमतौर पर यह गुफा दिसंबर, जनवरी और फरवरी में खुली रहती है, और कभी-कभी मार्च में होली तक भी।
बहुत कम भक्तों को इस ऐतिहासिक गुफा से माता के दरबार में जाने का सौभाग्य प्राप्त होता है।
दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की संख्या होगी निर्णायक
श्राइन बोर्ड के सीईओ अंशुल गर्ग ने कहा, “प्राकृतिक गुफा को भीड़ को ध्यान में रखते हुए खोला गया है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि 10,000 से अधिक तीर्थयात्री होने पर गुफा को बंद रखा जाए ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो। नई गुफा का मार्ग भी तीर्थयात्रियों के लिए सुगम और व्यवस्थित रूप से संचालित हो रहा है, जिससे दर्शन बिना किसी परेशानी के किए जा सकते हैं।”
नए साल की शुरुआत में श्रद्धालुओं की भारी संख्या
अधिकारियों ने जानकारी दी कि साल 2025 की शुरुआत में अब तक 1.50 लाख से अधिक श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन कर चुके हैं। बीते साल यह पवित्र तीर्थस्थल 94.83 लाख श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना, जो एक दशक में दूसरी सबसे बड़ी संख्या है।
मकर संक्रांति पर विशेष अवसर
प्राकृतिक गुफा के फिर से खुलने के साथ, श्रद्धालुओं के लिए माता के दरबार में दर्शन का यह अवसर बेहद खास बन गया है। अगर आप माता वैष्णो देवी के दर्शन करने की योजना बना रहे हैं, तो यह पावन समय आपके लिए बेहतरीन है।