![](https://www.khabarfast.com/root/upl/img/prj_1709894559080324.png)
भारत-चीन युद्ध का खतरा: जियो-पॉलिटिक्स के जानकारों ने भविष्यवाणी की है कि हिमालय में दूसरे भारत-चीन युद्ध का खतरा मंडरा रहा है और आशंका जताई गई है कि साल 2025 से 2030 के बीच में कभी भी पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच युद्ध छिड़ सकता है। यह रिपोर्ट RUSI (रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट) की है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक जोखिम विश्लेषण के संस्थापक और अध्यक्ष, लेखक समीर टाटा ने एक खतरनाक भविष्यवाणी की है। उन्होंने कहा है कि चीन भारत के सुदूर उत्तर पश्चिम क्षेत्र में पूर्वी लद्दाख में लड़ाई जोखिम में नहीं पड़ना चाहता है, क्योंकि वह अपने काशगार एनर्जी प्लांट को सुरक्षित करना चाहता है। चीन ने अपने रक्षा खर्च में 2024 में 7.2 प्रतिशत की भारी वृद्धि की है और ताइवान पर हमला करने और इसे चीनी मुख्य भूमि के साथ एकजुट करने के अपने लक्ष्य की ओर लगातार बढ़ रहा है।
2025-2030 में भारत-चीन युद्ध की संभावना एक गहरे विवाद के चलते बढ़ रही है। इस युद्ध के पीछे कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं:
- काशगार एनर्जी प्लांट: चीन को डर है कि उसके पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में स्थित काशगार एनर्जी प्लांट पर हमला किया जा सकता है। यह एकमात्र रास्ता पूर्वी लद्दाख से है, जिसके माध्यम से चीन तिब्बत को जोड़ने की कोशिश कर रहा है। यदि कोई दुश्मन इस एनर्जी प्लांट पर हमला करके उसे कब्जे में ले लेता है, तो चीन की ऊर्जा व्यवस्था ठप हो सकती है
- भारत की दृढ़ता: भारत ने गलवान संघर्ष के बाद चीन को पता है कि नया भारत पीछे हटने वाला नहीं है। लद्दाख और काराकोरम पास चीन की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है, जो सीपीईसी परियोजना के लिहाज से महत्वपूर्ण है
- चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC): काशगार प्लांट ईरान के महत्वपूर्ण तेल और गैस पाइपलाइन से जुड़ी हुई है, जो चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) प्रोजेक्ट के तहत पाकिस्तान से होकर गुजरती है1.