
हरिद्वार:हिंदू धर्म में राहु और केतु छाया ग्रह माने जाते हैं. ये दो ऐसे ग्रह हैं जो हमेशा एक दूसरे के आमने सामने रहते हैं और जब ग्रह ऐसी स्थिति में होते हैं कि सभी ग्रह राहु और केतु के बीच में आ जाएं तब एक योग का निर्माण होता है. इसी योग को कुंडली में कालसर्प दोष कहते हैं.कुंडली में कालसर्प दोष एक अशुभ योग माना जाता है। जब किसी की कुंडली में राहु और केतु में सभी ग्रह आ जाएं, तो कुंडली में कालसर्प दोष की गणना होती है. इस दोष के कारण व्यक्ति को अनेक प्रकार की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, जैसे कि व्यवसाय में नुकसान, शादी में विघ्न, संतान सुख में असमर्थता, और अन्य समस्याएं।
कालसर्प दोष के लक्षण और प्रभाव जानें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिन लोगो की कुंडली में कालसर्प दोष होता है उनको जीवन में अनेक तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इस दोष से पीड़ित व्यक्ति का जीवन आर्थिक ,मानसिक और शारीरिक परेशानियों से घिरा रहता है और उन्हें पूरे जीवन घोर संघर्ष करना पड़ता है. कालसर्प दोष का बुरा प्रभाव व्यक्ति की सेहत पर भी पड़ता है. जिसकी वजह से स्वास्थ्य सही नहीं रहता है और कोई न कोई रोग हमेशा बना ही रहता है, एक बीमारी सही होती है तो कुछ ही समय बाद दूसरी बीमारी शुरू हो जाती है.
माना जाता है कालसर्प दोष से पीड़ित व्यक्ति को नौकरी या व्यवसाय में भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन्हे जीवन में बार बार धन की हानि भी झेलनी पड़ती है. कुंडली के कालसर्प दोष का जातक के वैवाहिक जीवन पर भी असर पड़ता है. माना जाता है ऐसे लोगों का वैवाहिक जीवन तनावपूर्ण बना रहता है और संतान की तरफ से भी इनके जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं.
कालसर्प दोष से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय :
- भगवान विष्णु की पूजा: नियमित रूप से भगवान विष्णु की पूजा करें।
- शनिवार के दिन कोयले के टुकड़े प्रवाहित करें: शनिवार के दिन बहते पानी में कोयले के टुकड़े प्रवाहित करें।
- नदी में मसूर की दाल और साबुत नारियल प्रवाहित करें: नदी में मसूर की दाल और साबुत नारियल प्रवाहित करने से लाभ हो सकता है।
- पीपल के पेड़ की पूजा: शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें और उसकी 7 परिक्रमाएं करें।
- महामृत्युंजय मंत्र का जाप: अमावस्या के दिन कालसर्प दोष की पूजा करें और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें।
- मोर के पंख रखें: घर में मोर के पंख रखने से कालसर्प योग का प्रभाव खत्म हो सकता है।
- भगवान शिव की पूजा करना कालसर्प दोष में बहुत लाभकारी होता है इसलिए भगवान शिव की पूजा करें और घर में या मंदिर जाकर प्रतिदिन शिवलिंग पर दूध चढ़ाकर शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए और पूजा अर्चना करनी चाहिए. कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करना विशेष लाभकारी माना जाता है.
- मान्यता के अनुसार भगवान शिव के अवतार हनुमान जी की पूजा भी कालसर्प दोष के प्रभाव को कम करती है इसलिए प्रतिदिन 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए. कालसर्प दोष होने पर कुलदेवी या कुलदेवता की नियमित पूजा करना भी लाभदायक माना जाता है.
कालसर्प दोष के प्रकार
कालसर्प दोष ज्योतिष में एक अशुभ योग माना जाता है, जो कुंडली में राहु और केतु के बीच सभी ग्रहों के संरेखित होने पर उत्पन्न होता है. यह दोष व्यक्ति को जीवनभर कठिनाइयों का सामना करने के लिए मजबूर कर सकता है। इसके कारण व्यक्ति को नौकरी, विवाह, संतान, सम्मान, पैसा और अन्य कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
कालसर्प दोष के 12 प्रमुख प्रकार हैं:
- अनंत कालसर्प दोष
- कुलिक कालसर्प दोष
- वासुकि कालसर्प दोष
- शंखपाल कालसर्प दोष
- पद्म कालसर्प दोष
- महापद्म कालसर्प दोष
- कर्कोटक कालसर्प दोष
- तक्षक कालसर्प दोष
- शंखचूड़ कालसर्प दोष
- घातक कालसर्प दोष
- विषधर कालसर्प योग
- शेषनाग कालसर्प दोष
यदि आपकी कुंडली में कालसर्प दोष हो, तो आप कालसर्प की पूजा करके इससे मुक्ति पा सकते हैं। त्र्यंबकेश्वर मंदिर नासिक में कालसर्प दोष से छुटकारा पाने का सबसे प्रसिद्ध स्थान है।