केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भूस्खलन व भू-धंसाव जोन सक्रिय हो गए हैं। प्रशासन, पुलिस और एसडीआरएफ की टीम अलर्ट मोड पर है।

रुद्रप्रयाग: जिला मुख्यालय से केदारनाथ तक पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही झमाझम बारिश के कारण रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग और गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग कई जगहों पर अत्यंत संवेदनशील हो गए हैं। सड़क और पैदल मार्ग पर भूस्खलन और भू-धंसाव के जोन सक्रिय हो गए हैं।
प्रशासन ने इन हालातों को देखते हुए यात्रियों से अनावश्यक जोखिम न लेने की अपील की है। प्रशासन, पुलिस और सुरक्षा बलों को हाईवे से लेकर धाम तक अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया गया है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे पर भटवाड़ीसैंण, सिल्ली, सौड़ी, गिंवाला, बांसवाड़ा, काकड़ागाड़-कुंड, देवीधार, ब्यूंडगाड़, तलसारी, फाटा डोलिया मंदिर में भूस्खलन और भू-धंसाव जोन सक्रिय हो गए हैं।
शनिवार को फाटा के समीप पहाड़ी से पत्थर गिरने और पेड़ टूटने से हाईवे तीन घंटे तक बंद रहा था। गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव, चीरबासा, मीठा पानी, जंगलचट्टी, भीमबली, रामबाड़ा से लिनचोली और छानी कैंप तक पैदल मार्ग अत्यंत संवेदनशील हो गया है।
संवेदनशील स्थानों पर पुलिस जवान तैनात किए गए हैं, क्योंकि यहां पहाड़ी से कभी भी पत्थर गिर सकते हैं। जून 2013 की आपदा के बाद इन स्थानों पर हर साल हादसे होते रहे हैं। हाईवे और पैदल मार्ग की स्थिति को देखते हुए पुलिस अफसरों ने सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और संवेदनशील स्थानों पर पुलिस जवान तैनात किए जा रहे हैं।
मौसम को देखते हुए बाबा केदार के भक्त जरूरी होने पर ही यात्रा पर आएं, अनावश्यक जोखिम लेने की जरूरत नहीं है। बरसात से हाईवे व पैदल मार्ग पर कई जगहों पर स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। – अनिल कुमार शुक्ला, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ