मंगल दोष ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण विचार है। यह एक ग्रहों के संयोग को दर्शाता है जो किसी व्यक्ति के जीवन में विवाहिक खुशियों और संघर्षों को प्रभावित कर सकता है। यह विशेष रूप से विवाह के समय महत्वपूर्ण होता है।

देहरादून: आपने मंगल दोष के बारे में कभी न कभी सुना जरूर होगा। खासकर जब विवाह की बात आती है तो मंगल दोष या मांगलिक दोष की चर्चा आम बात है। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि, आखिर ये मंगल दोष होता क्या है और कुंडली में बनता कैसे है? साथ ही आपको जानकारी मिलेगी कि इस दोष का वैवाहिक जीवन और व्यक्ति के स्वभाव पर क्या असर देखने को मिलता है। ज्योतिष के अनुसार किसी भी जातक की कुंडली में जिन गंभीर दोषों की चर्चा की गई है, उसमें मंगल दोष को लेकर अक्सर लोग परेशान पाए जाते हैं.
ज्योतिष के अनुसार किसी भी जातक की कुंडली में मंगल का लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होना इस दोष का कारण बनता है. ऐसे मांगलिक जातकों के विवाह में अक्सर कोई न कोई अड़चन आती हैं और यदि विवाह हो भी जाए तो उसके दांपत्य जीवन में हमेशा सामंजस्य की कमी बनी रहती हैं. हालांकि ज्योतिष में कई ऐसे उपाय भी बताए गए हैं, जिन्हें करने से व्यक्ति मंगल दोष दूर हो जाता है. आइए मंगल दोष को दूर करने के कुछ अचूक उपाय जानते हैं.
क्या होता है मंगल दोष
अगर आप ज्योतिष के जानकार नहीं हैं तो, सरल शब्दों में इतना समझ जाइए कि कुंडली के लग्न यानि 1 भाव, 4 थे भाव, 7 और 10वें भाव में मंगल का होना मंगल दोष का निर्माण करता है। इसके साथ ही जिस घर में चंद्रमा स्थित है वहां पर और चंद्रमा से चौथे, सातवें, दसवें भाव में भी अगर मंगल हो तो मंगल दोष बनता है। अगर लग्न और चंद्रमा से मंगल दोष बन रहा है तो जातक पूर्ण मांगलिक होता है वहीं इनमें से केवल एक हो तो आंशिक मंगल दोष माना जाता है। मंगल दोष का किसी भी व्यक्ति की कुंडली में होना अच्छा नहीं माना जाता, इसके होने से व्यक्ति के स्वभाव और वैवाहिक जीवन पर बुरा असर देखने को मिल सकता है।
वैवाहिक जीवन पर मंगल दोष का प्रभाव अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है तो विवाह में देरी हो सकती है, ज्यादातर मांगलिक दोष वालों की कुंडली आसानी से मिलती भी नहीं है। अगर किसी जातक की कुंडली में मंगल दोष है तो उसको किसी मांगलिक दोष वाले स्त्री या पुरुष से ही शादी करनी चाहिए, ऐसा करने से मंगल दोष का बुरा असर खत्म हो जाता है। अगर एक मांगलिक दोष वाला व्यक्ति गैर मांगलिक से शादी कर ले तो वैवाहिक जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। मंगल दोष के कारण वर-वधु एक दूसरे को समझने में नाकामयाब हो सकते हैं, छोटी-छोटी बातें भी बड़े झगड़े का कारण बन सकती हैं। इस दोष के कारण व्यक्ति का स्वभाव भी थोड़ा उग्र हो सकता है, आर्थिक स्थिति पर भी इसका बुरा असर देखने को मिलता है। धन की बचत करने में ऐसे लोग दिक्कतें महसूस कर सकते हैं। अहंकार के कारण इनके रिश्ते हर किसी से बिगड़ सकते हैं।
मंगल दोष को दूर करने के उपाय
- अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष है तो उसे हनुमान जी की निरंतर पूजा करनी चाहिए। हनुमान चालीसा का पाठ करने से इनके जीवन में अच्छे बदलाव आते हैं।
- मंगल दोष के प्रभाव को दूर करने के लिए मंगल ग्रह की शांति पूजा करवानी चाहिए।
- ज्योतीषी की सलाह पर ऐसे लोग मूंगा रत्न या तीन मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं।
- ऐसे लोग जिनकी कुंडली में मंगल दोष है उन्हें, शहद, मसूर की दाल, लाल रंग वाली मिठाइयों का दान करना चाहिए।
- मंगलवार का व्रत रखने से भी मंगल दोष का प्रभाव कम होता है।
- मंगल दोष को दूर करने के लिए प्रत्येक मंगलवार को वट के पेड़े की जड़ पर मीठा दूध चढ़ाए. बाद में उस दूध की भीगी मिट्टी का तिलक अपने मस्तक पर लगाएं.
- यदि किसी लड़के की कुंडली में मांगलिक दोष हो तो उसे चांदी का कड़ा 23 ग्राम का बिना जोड़ तांबे की कील लगवा कर पहनना चाहिए. वहीं यदि किसी महिला की कुंडली में मंगल दोष हो तो उसे चांदी की चूड़ी 25 ग्राम की बिना जोड़ वाली लाल रंग में रंगकर बाएं हाथ में पहनना चाहिए. इस उपाय को करने से मंगल दोष का प्रभाव खत्म हो जाता है.
- यदि किसी कन्या की कुंडली में प्रबल मंगल दोष हो तो उसे कुंभ, पीपल या फिर प्राण प्रतिष्ठित भवागन विष्णु की मूर्ति के साथ विवाह करना चाहिए. विवाह की क्रिया का यह उपाय पूरी तरह से गुप्त रूप से करना चाहिए. इस उपाय में पिता के द्वारा कन्यादान नहीं किया जाता है. इस उपाय में कन्या अपनी मर्जी से स्वयं वर के साथ विवाह करती है.
- मंगल दोष के परिहार के लिए कन्याओं को मंगला गौरी का व्रत विधि-विधान से रखना चाहिए. काशी में स्थित मां मंगला गौरी में जाकर विशेष रूप से दर्शन एवं पूजन भी करना चाहिए.
- मंगल दोष को दूर करने के लिए तमाम तरह के टोटके भी बताए गये हैं. जैसे मिट्टी के बरतन में शहद भरकर श्मशान में जाकर दबा देना, चांदी का टुकड़ा अपने पास रखना या फिर हांथी दांत को अपने पास रखना आदि शामिल है. इन उपायों को करने से भी मंगल दोष का प्रभाव कम होता है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)