किरण राव की फिल्म ‘लापता लेडीज’ मार्च 2024 में भारत में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई थी। फिल्म को दर्शकों का जबरदस्त प्यार मिला। इसके बाद 4 अक्टूबर 2024 को जापान में रिलीज हुई इस फिल्म ने नया इतिहास रच दिया। नितांशी गोयल, स्पर्श श्रीवास्तव और प्रतिभा रांटा स्टारर इस फिल्म ने जापान के सिनेमाघरों में 115 दिनों से अधिक समय तक अपनी पकड़ बनाए रखी। इतना ही नहीं, फिल्म को जापान अकादमी फिल्म पुरस्कार में बेस्ट इंटरनेशनल फिल्म के नॉमिनेशन में जगह भी मिली है।
204 फिल्मों को पछाड़कर बनाया टॉप 5 में स्थान
‘लापता लेडीज’ ने जापान अकादमी फिल्म पुरस्कार की बेस्ट इंटरनेशनल फिल्म श्रेणी में शॉर्टलिस्ट की गई 204 योग्य फिल्मों को पीछे छोड़ दिया। यह फिल्म अब पांच महानतम अंतरराष्ट्रीय फिल्मों में शामिल हो गई है। इसका मुकाबला दिग्गज फिल्मों से है, जिसमें क्रिस्टोफर नोलन की ‘ओपेनहाइमर’, योर्गोस लैंथिमोस की ‘पुअर थिंग्स’, एलेक्स गारलैंड की ‘सिविल वॉर’ और जोनाथन ग्लेजर की ‘द जोन ऑफ इंटरेस्ट’ शामिल हैं।
जापान में 115 दिनों का शानदार प्रदर्शन
जापानी सिनेमाघरों में लगातार 17 हफ्तों से चल रही ‘लापता लेडीज’ ने विदेशी धरती पर अपनी अलग पहचान बनाई है। 2024 में जापान में रिलीज हुई 204 योग्य फिल्मों में से इसे टॉप 5 विदेशी फिल्मों में चुना गया है। 14 मार्च 2025 को बेस्ट इंटरनेशनल फिल्म का विजेता घोषित किया जाएगा।
फिल्म की कहानी और सफलता
जियो स्टूडियोज के बैनर तले बनी ‘लापता लेडीज’, आमिर खान और ज्योति देशपांडे द्वारा निर्मित और किरण राव द्वारा निर्देशित है। यह फिल्म बिप्लब गोस्वामी की अवॉर्ड-विनिंग स्टोरी से प्रेरित है, जिसकी स्क्रिप्ट और डायलॉग स्नेहा देसाई ने लिखे हैं। फिल्म में नितांशी गोयल, प्रतिभा रांटा और स्पर्श श्रीवास्तव के साथ छाया कदम और रवि किशन जैसे कलाकारों ने दमदार अभिनय किया है।
कम बजट, बड़ी कमाई
महज 4-5 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने वर्ल्डवाइड 27.06 करोड़ रुपये की कमाई की, जिसमें 24.31 करोड़ रुपये भारत से आए।
ऑस्कर 2025 की रेस से बाहर, लेकिन शानदार उपलब्धि
‘लापता लेडीज’ भारत की ओर से ऑस्कर 2025 में आधिकारिक प्रविष्टि थी। हालांकि, फिल्म टॉप 15 राउंड में अपनी जगह नहीं बना पाई और फाइनल नॉमिनेशन से बाहर हो गई। लेकिन यह फिल्म न केवल दर्शकों के दिलों में जगह बनाने में सफल रही, बल्कि जापान में अपनी ऐतिहासिक उपलब्धियों के साथ भारतीय सिनेमा का गौरव भी बढ़ाया।