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Dehradun: सनातन धर्म में सभी एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। सभी एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दौरान श्रीहरि के रूप विभिन्न रूपों की पूजा भी विधिवत रूप से की जाती है। वहीं वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि के दिन मोहिनी एकादशी है। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी रूप की पूजा करने का विधान है। इस दिन ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति विष्णु जी की पूजा करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। साथ ही सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है।मोहिनी एकादशी, जो कि हिन्दू धर्म में बहुत ही पावन और फलदायी तिथि मानी जाती है, इस वर्ष 19 मई 2024, रविवार को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के मोहिनी अवतार की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है।
शुभ मुहूर्त:
- एकादशी तिथि का प्रारंभ: 18 मई को सुबह 11:22 बजे से
- एकादशी तिथि का समापन: 19 मई को दोपहर 1:50 बजे तक
- पूजा का शुभ समय: 19 मई को सुबह 7:10 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक
- मोहिनी एकादशी का पारण: 20 मई को सुबह 5:28 बजे से 8:12 बजे तक
पूजा विधि:
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
- साफ और नए कपड़े पहनें और घर के मंदिर की सफाई करें।
- चौकी पर पीले या लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।
- भगवान को चंदन का तिलक लगाएं, पीले फूल, धूप, दीप, और नैवेद्य अर्पित करें।
- मोहिनी एकादशी की कथा का पाठ करें।
- गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें और शाम को आरती करें।
- अगले दिन द्वादशी तिथि के दिन व्रत पारण करें।
इस पावन दिन पर भगवान विष्णु की विधिवत पूजा और दान करने से जातक को समस्त सांसारिक पापों से छुटकारा मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह व्रत करने से एक हजार यज्ञों का फल मिलता है।
मोहिनी एकादशी हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र व्रत माना जाता है। यह व्रत वैशाख मास के शुक्ल पक्ष में आता है और इसे विशेष रूप से भगवान विष्णु की आराधना के लिए मनाया जाता है।
मोहिनी एकादशी का महत्व:
- पापों से मुक्ति: मान्यता है कि मोहिनी एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति के पिछले और वर्तमान जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है।
- सुख-समृद्धि: इस दिन व्रत और पूजा करने से सुख-समृद्धि और शाश्वत शांति की प्राप्ति होती है।
- मोह बंधन से मुक्ति: यह व्रत सभी मोह बंधनों से मुक्त करने वाला है और समस्त पापों का नाश करने वाला है।
- मोक्ष की प्राप्ति: इस व्रत को करने से मनुष्य को मृत्यु के बाद मिलने वाली नर्क की यातनाओं से छुटकारा मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
- धार्मिक महत्व: स्कंद पुराण के अनुसार, मोहिनी एकादशी के दिन समुद्र मंथन में निकले अमृत का बंटवारा हुआ था।
इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करने, व्रत कथा सुनने, और दान-पुण्य करने की परंपरा है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसे आत्मिक शांति मिलती है।