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नई दिल्ली: राहुल गांधी के हिंदुओं पर दिए गए बयान ने लोकसभा में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया। उनके बयान के अनुसार, उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे हिंसा, नफरत, और असत्य का प्रचार करते हैं। राहुल गांधी का कहना था कि हिंदू धर्म में सत्य और अहिंसा का पालन करना सिखाया जाता है, और जो लोग इन मूल्यों का पालन नहीं करते, वे सच्चे हिंदू नहीं हो सकते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के इस बयान की कड़ी आलोचना की। पीएम मोदी ने कहा कि पूरे हिंदू समुदाय को हिंसा से जोड़ना अनुचित है, जबकि अमित शाह ने राहुल गांधी से इस बयान के लिए माफी मांगने की मांग की।
क्या बोले थे राहुल गांधी?
राहुल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग अपने आप को हिंदू कहते हैं वह 24 घंटे हिंसा, हिंसा, हिंसा; नफरत, नफरत, नफरत; असत्य, असत्य, असत्य करते रहते हैं। ये हिंदू हैं ही नहीं। आप हिंदू हो ही नहीं। हिंदू धर्म में साफ लिखा है कि सत्य के साथ खड़े होने चाहिए। सत्य से पीछे नहीं हटना चाहिए। अहिंसा फैलाना चाहिए।
क्या बोले पीएम मोदी?
पीएम मोदी ने इस दौरान बीच में ही उठकर राहुल गांधी को रोका और कहा कि यह बात बहुत गंभीर है। पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहना गंभीर विषय है। इस पर राहुल ने जवाब दिया कि मैंने भाजपा को हिंसक कहा, नरेंद्र मोदी पूरा हिंदू समाज नहीं है। भाजपा पूरा हिंदू समाज नहीं है। आरएसएस पूरा हिंदू समाज नहीं है।
पीएम मोदी ने राहुल के बयानों पर बाद में सदन में कहा, “इस संविधान ने मुझे सिखाया है कि मुझे विपक्ष के नेता को गंभीरता से लेना चाहिए।”
अमित शाह ने क्या जवाब दिया?
अमित शाह ने राहुल गांधी के बयान पर तीखा पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता द्वारा हिंदू धर्म को हिंसा से जोड़ना अनुचित है। उन्होंने कहा, “शोरशराबा कर के इतने बड़े कृत्य को छिपाया नहीं जा सकता। विपक्ष के नेता ने कहा कि जो अपने आप को हिंदू कहते हैं, वह हिंसा करते हैं, हिंसा की बात करते हैं। इनको शायद मालूम नहीं है कि करोड़ों लोग खुद को गर्व से हिंदू कहते हैं। क्या वे सभी लोग हिंसा करते हैं? हिंसा की भावना को किसी धर्म के साथ जोड़ना और इस सदन में संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति ने। मुझे लगता है उन्हें इसकी माफी मांगनी चाहिए।”
शाह ने आगे कहा, “मैं उनको एक गुजारिश भी करना चाहता हूं कि इस्लाम में अभयमुद्रा, इस पर इस्लाम के विद्वानों का मत एक बार वो ले लें। गुरुनानक साहब की अभयमुद्रा पर एसजीपीसी का मत वो ले लें। अभय की बात इनको करने का कोई हक नहीं है। आपातकाल में पूरे देश को इन्होंने भयभीत किया है। लाखों लोगों को जेल में डाला गया। वैचारिक आतंक कभी था तो आपका आपातकाल था।”
अमित शाह ने राहुल गांधी के बयान को न केवल हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए अपमानजनक बताया, बल्कि उन्होंने राहुल गांधी को आपातकाल के दौरान कांग्रेस द्वारा की गई कार्रवाईयों की भी याद दिलाई, जिसे उन्होंने “वैचारिक आतंक” कहा।
राहुल गांधी के इस बयान ने सदन में तीव्र प्रतिक्रिया पैदा कर दी है। भाजपा सांसदों ने राहुल गांधी से इस बयान के लिए माफी मांगने की मांग की है, जबकि कांग्रेस ने उनके बयान को सही ठहराते हुए भाजपा पर आक्रामकता और हिंसा फैलाने का आरोप लगाया है। लोकसभा की कार्यवाही के दौरान यह मुद्दा प्रमुख रूप से चर्चा में रहा, और इसके चलते सदन में बार-बार हंगामा हुआ।