
नई दिल्ली: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ की घटना को लेकर स्थिति गंभीर बनी हुई है। इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई, जिसमें तीन बच्चे भी शामिल थे। इसके अलावा, कई अन्य यात्री घायल हुए हैं जिनका इलाज जारी है। यह भगदड़ शनिवार की रात प्लेटफार्म 13 और 14 पर हुई, जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु प्रयागराज महाकुंभ में जाने के लिए स्टेशन पहुंचे थे और ट्रेन में चढ़ने का प्रयास कर रहे थे।
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल
इस घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट में वकील विशाल तिवारी द्वारा एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। याचिका में मांग की गई है कि केंद्र सरकार और सभी राज्य मिलकर एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन करें, जो रेलवे स्टेशनों पर क्राउड मैनेजमेंट और भगदड़ रोकने के लिए गाइडलाइन तैयार करे।
जनहित याचिका में मुख्य मांगें:
- रेलवे स्टेशनों और प्लेटफार्मों पर यात्रियों की सुरक्षा के लिए विशेष उपाय किए जाएं।
- गलियारों को चौड़ा किया जाए और बड़े ओवरब्रिज तथा प्लेटफार्मों का निर्माण किया जाए।
- प्लेटफार्मों तक पहुंच को आसान बनाने के लिए रैंप और एस्केलेटर की संख्या बढ़ाई जाए।
- व्यस्त समय के दौरान आगमन और प्रस्थान प्लेटफार्मों में अनावश्यक बदलाव से बचा जाए।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर किए गए 5 प्रमुख बदलाव:
- प्लेटफार्म टिकट अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
- केवल टिकट चेक करने के बाद ही यात्रियों को प्लेटफार्म पर प्रवेश मिलेगा।
- ट्रेन आने से पहले यात्रियों को कतारबद्ध करने की व्यवस्था की गई है।
- स्टेशन के बाहर वेटिंग एरिया बनाया जाएगा, जैसा कि छठ पूजा के दौरान किया जाता है।
- प्लेटफार्म नंबर 16 और 15 पर एस्केलेटर अस्थायी रूप से बंद कर दिए गए हैं।
हादसे में मृतकों की संख्या और स्थिति
मृतकों में सबसे ज्यादा महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। इनमें से नौ लोग बिहार से, आठ दिल्ली से, और एक हरियाणा से था। घटना के बाद रेलवे प्रशासन और स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्य शुरू किया और घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया।
यह घटना रेलवे सुरक्षा और यात्री प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता को दर्शाती है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जनहित याचिका के जरिए सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की गई है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।