हरिद्वार: देवभूमि उत्तराखंड की पवित्रता को बनाए रखने और धर्म की आड़ में लोगों को गुमराह करने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर “ऑपरेशन कालनेमि” लगातार जारी है। इसी अभियान के तहत हरिद्वार पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों से 44 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया है। ये सभी साधु-संतों का वेश धारण कर तंत्र-मंत्र, जादू-टोना और अन्य ढोंग रचकर श्रद्धालुओं और आम लोगों को भ्रमित कर रहे थे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) प्रमेन्द्र डोबाल के नेतृत्व में यह अभियान चलाया गया, जिसके तहत शहर से लेकर देहात तक छापेमारी की गई। एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए इन बहरूपियों में से सबसे ज्यादा 24 को कोतवाली गंग नहर क्षेत्र से पकड़ा गया है। इसके अलावा कोतवाली मंगलौर से 11, थाना कलियर से 6, थाना खानपुर से 1 और थाना भगवानपुर क्षेत्र से 2 फर्जी बाबाओं को गिरफ्तार किया गया।
क्या है पुलिस की कार्रवाई का आधार?
पुलिस के अनुसार, ये ढोंगी बाबा मुख्य रूप से रुड़की की गंगनहर पटरी, रेलवे स्टेशन और पिरान कलियर दरगाह जैसे भीड़-भाड़ वाले इलाकों में सक्रिय थे। यहां ये श्रद्धालुओं को तंत्र-मंत्र, जादू-टोना और धोखाधड़ी की कला दिखाकर भ्रमित कर रहे थे, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ने का भी खतरा बना हुआ था। पुलिस ने चेकिंग अभियान के दौरान पाया कि पकड़े गए कई बाबा उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे विभिन्न राज्यों के निवासी हैं। पूछताछ में इनमें से अधिकतर अपने स्थायी पते या धार्मिक कार्यों से संबंधित कोई भी ठोस सबूत पेश नहीं कर पाए।
क्या है “ऑपरेशन कालनेमि”?
“ऑपरेशन कालनेमि” का नाम रामायण के उस राक्षस “कालनेमि” से प्रेरित है, जिसने साधु का वेश धरकर हनुमान जी को छलने का प्रयास किया था।इसी तर्ज पर, उत्तराखंड सरकार ने यह अभियान उन ढोंगियों के खिलाफ शुरू किया है जो साधु-संतों के वेश में आस्था से खिलवाड़ और ठगी जैसे अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट निर्देशों के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां प्रदेश भर में, विशेषकर धार्मिक स्थलों और तीर्थ क्षेत्रों में, कड़ी सतर्कता बरत रही हैं।
हरिद्वार पुलिस का कहना है कि यह अभियान लगातार जारी रहेगा और सनातन संस्कृति को बदनाम करने वाले ऐसे किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस की इस कार्रवाई का उद्देश्य धर्म की छवि को धूमिल होने से बचाना और समाज को ऐसे धोखेबाजों से सुरक्षित रखना है।
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