
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक शनिवार को नई दिल्ली में शुरू हो गई है। इस महत्वपूर्ण बैठक का विषय ‘विकसित राज्य के लिए विकसित भारत@2047’ रखा गया है। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बैठक से दूरी बनाने का फैसला किया है। राज्य सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि बैठक में भाग न लेने के ममता बनर्जी के फैसले के पीछे का कारण फिलहाल अज्ञात है।
नीति आयोग की सर्वोच्च संस्था गवर्निंग काउंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल होते हैं, और प्रधानमंत्री मोदी इसके अध्यक्ष हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद प्रधानमंत्री की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों के साथ यह पहली बड़ी बैठक है। गवर्निंग काउंसिल की बैठकें आमतौर पर हर साल आयोजित की जाती हैं, और पिछली बैठक 27 जुलाई को हुई थी। परिषद की पहली बैठक 8 फरवरी, 2015 को हुई थी।
आर्थिक चुनौतियों और बजट पहलों पर चर्चा:
अधिकारियों के अनुसार, इस बैठक में बजट 2025-26 में की गई पहलों और भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने आने वाली चुनौतियों पर भी गहन विचार-विमर्श होने की उम्मीद है। अमेरिकी प्रशासन द्वारा जवाबी शुल्क लगाए जाने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था कुछ मुश्किलों का सामना कर रही है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था के मंदी की ओर जाने, चीन की वृद्धि दर में भारी गिरावट आने और वैश्विक स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में मंदी आने की संभावना के बावजूद, भारत की चालू वित्त वर्ष में वृद्धि दर 6.2-6.7 फीसदी के दायरे में रहने की उम्मीद है।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक ने अनिश्चित वैश्विक माहौल और उच्च व्यापार तनाव का हवाला देते हुए 2025-26 के लिए भारत के विकास अनुमानों को घटाकर क्रमशः 6.2 और 6.3 फीसदी कर दिया है। इससे पहले जनवरी में, आईएमएफ और विश्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर क्रमशः 6.5 और 6.7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था।
पिछले साल भी 10 राज्यों ने नहीं लिया था हिस्सा:
यह उल्लेखनीय है कि पिछले साल नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने हिस्सा नहीं लिया था।
तमिलनाडु के सीएम स्टालिन बैठक में शामिल हुए:
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में हिस्सा लेने के लिए शुक्रवार को दिल्ली पहुंचे। दिल्ली पहुंचने पर टीआर बालू के नेतृत्व में डीएमके नेताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। स्टालिन ने बाद में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी से भी मुलाकात की। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि सोनिया और राहुल से मिलना किसी यात्रा की तरह नहीं लगता, बल्कि ऐसा लगता है कि वह परिवार के साथ हैं।